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पैथोलॉजी में डॉक्टर से ही करायें जांच

दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस में जुटे कई राज्यों से पैथोलॉजिस्ट देवघर : जसीडीह के पंचायत प्रशिक्षण केंद्र पर पैथोलॉजिस्ट के आइएपीएम बिहार चैप्टर का 13वां वार्षिक कॉन्फ्रेंस ‘बेपकॉन-2018’ का आयोजन किया गया. इस कॉन्फ्रेंस में बिहार सहित झारखंड, कोलकाता, मुंबई, नयी दिल्ली समेत अन्य जगहों से आये लगभग दो सौ पैथोलॉजिस्ट ने हिस्सा लिया. कॉन्फ्रेंस में […]

दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस में जुटे कई राज्यों से पैथोलॉजिस्ट

देवघर : जसीडीह के पंचायत प्रशिक्षण केंद्र पर पैथोलॉजिस्ट के आइएपीएम बिहार चैप्टर का 13वां वार्षिक कॉन्फ्रेंस ‘बेपकॉन-2018’ का आयोजन किया गया. इस कॉन्फ्रेंस में बिहार सहित झारखंड, कोलकाता, मुंबई, नयी दिल्ली समेत अन्य जगहों से आये लगभग दो सौ पैथोलॉजिस्ट ने हिस्सा लिया. कॉन्फ्रेंस में डॉक्टरों व पैथोलॉजिस्ट ने आधुनिक तकनीक व शोध पत्र प्रस्तुत किये. इससे पहले कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन डॉ अस्विवा मंडल, जगदीश केशकर, डॉ राजीव राव, अमर रंजन समेत अन्य ने संयुक्त रूप से किया.
काॅन्फ्रेंस में डॉ अस्विवा ने कहा कि लोगों को यह जानकारी होनी चाहिए कि मरीजों की जांच किसी पैथोलॉजी में डॉक्टर से करायें, न कि किसी लैब टेक्नीशियन से. टेक्नीशियन को पूरी जानकारी नहीं होती है. इस स्थिति मरीज की बीमारी का सही पता नहीं लग पाता है तथा इलाज भी सही नहीं हो पाता है.
उन्होंने कहा कि देश के कई राज्यों में पैथोलॉजिस्ट नहीं होने के कारण डॉक्टरों को बीमारी की सही जानकारी नहीं हो पाती है, जिस कारण छोटी-छोटी बीमारी भी गंभीर रूप धारण कर लेती है और कई बार मरीज की मौत भी हो जाती है. कार्यक्रम में देश के विभिन्न राज्यों से आये पैथोलॉजिस्ट ने 32 स्टॉल लगाकर लोगों को आधुनिक मशीनों की जानकारी दी तथा जांच की प्रक्रिया के बारे में बताया. इन मशीनों से कम समय व कम लागत में मरीजों की सजी जांच हो सकती है. कार्यक्रम में डॉ अविनाश, डॉ कुमार सुनील, डॉ मुकेश प्रसाद साह, डाॅ सत्येंद्र समेत सैकड़ों पैथोलॉजिस्ट मौजूद थे.
देश भर में पैथोलॉजिस्ट क्या रिर्सच कर रहे है, उसकी जानकारी ऐसे अधिवेशन के माध्यम से देश भर से आये पैथोलॉजिस्ट काे दी जा रही है. इससे नये तरीके से बीमारी की जांच में मदद मिलती है. साथ ही डॉक्टरों का स्कील डेवलप होता है. लोग जिस जांच के लिए विदेश जाते है, वह जांच भारत में भी हो सकती है.
डॉ अमर रंजन
अधिवेशन से यहां लोगों को एक नया प्लेटफॉर्म मिल रहा है, ताकि देश से आये पैथोलॉजिस्ट एक-दूसरे से मिलकर अपनी जानकारी का आदान-प्रदान कर सकें. लोगों को इस बात के लिए जागरूक किया जायेगा कि वे जिस बीमारी की जांच विदेश में कराते हैं, वह जांच अपने देश में भी करा सकते हैं.
डॉ अवधेश कुमार
मरीजों का इलाज जांच पर आधारित होता है. यदि जांच गुणवत्ता पूर्ण नहीं हो, तो मरीज का इलाज संभव नहीं है. इस अधिवेशन के माध्यम से लोगों को जागरूक करना है कि मरीजों की जांच किसी पैथेलॉजिस्ट से करायें, ताकि बीमारी की सही जानकारी हो सके और उसका इलाज सही हो.
डॉ प्रणव बर्मा
कहते है पैथोलॉजिस्ट
ऐसे अधिवेशन से हम लोगों का ज्ञानवर्धन होता है. देश भर से आये डॉक्टरों व पैथोलॉजिस्ट से मिलने से सिखने का मौका मिलता है. साथ ही लोगों की जांच करने की सही प्रक्रिया की जानकारी मिलती है.
डॉ सत्येंद्र कुमार
अधिवेशन के माध्यम से साइंस की नयी तकनीकी की जानकारी होती है. पैथोलॉजी के नये तौर-तरीके भी सीखने को मिलते हैं. इस अधिवेशन के माध्यम से लोगों को इस बात के लिए जागरूक किया जा रहा है कि वे किसी प्रकार की बीमारी की जांच पैथोलॉजिस्ट डॉक्टर से ही करायें.
डॉ मुकेश प्रसाद साह, बेपकॉन को-ऑर्डिनेटर

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