आरोपित सारवां थाना के झिकटी गांव का रहनेवाला है. यह मुकदमा आरोपित की पुत्री के बयान पर दर्ज हुआ था, जिसमें कहा था कि उनकी मां की हत्या 20 जून 2013 को उनके पिता पांचू मांझी ने कर दी थी. सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष से कुल नौ गवाह प्रस्तुत किये गये थे जिनमें से सूचक को छोड़ सभी गवाहों ने घटना की पुष्टि नहीं की थी. मृतका की नाबालिग पुत्री ने कोर्ट में घटना का समर्थन की थी. इसके बाद कोर्ट ने आरोपित को दोषी ठहराया. अभियोजन पक्ष से लोक अभियोजक रंजीत सिंह व बचाव पक्ष से अधिवक्ता निरंजन मंडल ने पक्ष रखा.
पत्नी रेखा देवी के पास पैसे नहीं रहने के कारण देने से इनकार कर दिया, तो पति ने उसे ईंट फेंक कर मारा, पेट में लगा. इससे वह कराहने लगी व घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गयी. बच्ची के चिल्लाने पर लोग जमा हुए व पति को पुलिस के हवाले कर दिया. इस संबंध में सारवां थाना में कांड संख्या 83/2013 दर्ज कर पांचू मांझी को आरोपित बनाया व भादवि की धारा 302 लगायी गयी. ट्रायल के दौरान कोर्ट ने हत्या की धारा में आरोप गठित न करके गैरइरातन हत्या की धारा 304 में आरोप गठित किया जिसमें सुनवाई के बाद सजा दी गयी. इस केस में चौथे साल में फैसला आया.