कहा कि चार साल पहलेे सांसद निशिकांत दुबे ने जगमनडीह से बेहराकनारी मोड़ तक 2.5 किलोमीटर की इस सड़क का शिलान्यास किया था तो आस जगी थी कि अब परेशानी खत्म हो जायेगी, लेकिन आज तक सड़क नहीं बन सकी. गांव में कोई गंभीर रूप से बीमार हो जाता है या महिलाओं को प्रसव वेदना से अस्पताल ले जाने की आवश्यकता होती है तोे खटिया पर लाद कर मुख्य सड़क तक लाना पड़ता है.
नहीं तो झोला छाप डॉक्टरों के भरोसे इलाज होता है. वहीं शादी ब्याह के मौसम में तो बारात को गांव के बाहर ही गाड़ी छोड़ कर पैदल जाना पड़ता है. जगमनडीह से ऊपरबहियारी होकर बेहराकनारी मोड़ तक ढाई किलोमीटर सड़क पर जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे रहने के कारण अक्सर बाइक सवार के अलावा तीन पहिया वाहन उलट जाते हैं, जिससे दर्जनों बार लोग घायल हो चुके हैं. खास कर बरसात के दिनों में यह गांव टापू सा बन जाता है. ग्रामीणों की बात तो छोड दें तो बाहर से आने वाले संबंधियों को भारी फजीहत का सामना करने के बाद गांव पहुंच पाते हैं. उन लोगों ने जनप्रतिनिधियों से अविलंब सड़क निर्माण कराने की मांग की है.