तब दुकानदारों ने गाड़ी रुकवायी. उसके बाद चालक से पूछताछ करने लगे. फिर सभी उस शख्स को ढूंढने लगे. मगर वो कहीं नहीं मिला. तब तक मीट कट कर तैयार हो चुका था. मीट दुकानदार मायूस हो गया. यह नजारा देख कुछ स्थानीय लोगों ने मीट दुकानदार को समझाया कि ऐसे तो सारा माल खराब हो जायेगा. यदि तुम कुछ कीमत कम कर माल बेचोगे तो कटा हुआ माल बिक जायेगा. उसे लगा लोग ठीक बोल रहे हैं.
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वाहन चालक को दिया झांसा, फिर मीट दुकानदार से की ठगी
देवघर : शहर के बैजनाथपुर चौक पर गुरुवार की शाम में एक साथ कई दुकानदारों को चकमा देकर एक व्यक्ति ने ठगी कर ली. ठग ने मदरसा के सामने प्राइवेट स्टैंड से बांका जाने की बात पर संतोष सिंह नामक चालक की चार पहिया(योन) गाड़ी किराये पर बुक कर जैप-पांच चलने को कहा. उससे पहले […]
देवघर : शहर के बैजनाथपुर चौक पर गुरुवार की शाम में एक साथ कई दुकानदारों को चकमा देकर एक व्यक्ति ने ठगी कर ली. ठग ने मदरसा के सामने प्राइवेट स्टैंड से बांका जाने की बात पर संतोष सिंह नामक चालक की चार पहिया(योन) गाड़ी किराये पर बुक कर जैप-पांच चलने को कहा. उससे पहले मीट-मछली की दुकान आने पर रुकने का निर्देश दिया. निर्देशानुसार चालक बैजनाथपुर चौक पर रूक गये. ठग ने उतरने के साथ ही पहले मीट दुकानदार से 400 रुपये किलो की दर से 20 किलो मीट कौ सौदा करने के बाद सड़क के पार मछली दुकान पहुंचा. जहां उसने सौ रुपये की दर पर 15 किलो मछली का 260पीस करने को कहा.
बड़ा अार्डर पाकर मीट-मछली दुकानदार अपने काम में लग गये. इसके बाद वह सब्जी दुकान पहुंचा. जहां उसने 20 किलो टमाटर व 20 किलो प्याज पैक करने को कहा. सब कुछ अपने तयशुदा प्लान के मुताबिक हो रहा था. इस बीच मछली वाले ने माल तैयार कर आवाज लगायी तो उसने मीट दुकानदार से बड़े नोट की बात कह 2200 रुपये मांगे. दुकानदार ने झट पैसे भी दे दिये अौर वह उस पैसे से 1000 रुपये मछली वाले को देने के बाद माल गाड़ी में पहुंचाने की बात कह कर निकल लिया. काफी समय देखने के बाद चालक गाड़ी स्टार्ट कर निकलना चाहा.
उसने 400 की बजाय 250-300 रुपये किलो की दर से बेचने का मन बनाया. इस बात की जानकारी होते ही उसके दुकान में आसपास के लोगों की भीड़ जमा हो गयी. 22 लोगों की सूची बनी. पहले पैसे जमा करने की बात हुई. मगर एक-एक लोग मीट लेते रहे अौर निकलते रहे. इधर पैसा न मिलता देख दुकानदार आपा खो बैठा. उसने चौक पर खड़े पीसीआर-5 को सूचना दी. पहल हुई मगर वो नाकाफी थी. नतीजा अौने-पौने दाम पर दुकानदार ने कटा हुआ अपना सारा माल बेच दिया. मगर उसके हाथ सिर्फ 3,500-4,000 रुपये ही आये. इधर सब्जी दुकानदार पैक सब्जी को खोल लिया. जबकि मछली दुकानदार को 1500 रुपये की जगह 1,000 रुपये मिल गये थे. उसने भी बाकी माल को सेट कर लिया. सब एडजस्ट हो गये. मगर मीट दुकानदार को पूरे प्रकरण में काफी नुकसान सहना पड़ा.
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