उक्त राशि मनमोहन ने 11 अगस्त को अपने एसबीआइ एकाउंट के माध्यम से एनइएफटी कर आरोपित को दिया है. जिक्र है कि उसी दिन आरोपित ने डिस्ट्रीब्यूटर्स संबंधित कागजात मेल पर मिलने की बात कही थी व पटना से फ्लाइट पकड़कर दिल्ली जाने की बात कहते हुए वे उसी दिन जसीडीह से ट्रेन पकड़कर रवाना हो गये थे. दूसरे दिन कागजात संजय के मेल से मिल गया. इसके बाद संजय से फोन पर मनमोहन ने शिकायत किया कि कंपनी के मेल से कागजात भेजने के बजाय खुद के मेल से क्यों दिया. इसपर आरोपित ने कहा था कि उन्हें आजाद इंटरप्राइजेज देवघर के नाम से डिस्ट्रीब्यूटरशिप दिया, जिसे वह कंपनी की वेबसाइट पर देख सकते हैं.
वहां मेला में कंपनी का स्टॉल लगा था. इस संबंध में नगर थाना कांड संख्या 689/17 भादवि की धारा 406, 420 के तहत मामला दर्ज कर पुलिस पड़ताल में जुटी है.