यह बातें कुशमाहा गांव में आचार्य भोला प्रसाद मिश्र के नेतृत्व में आयोजित भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के समापन पर भगवान एवं भक्त की महिमा वर्णन करते पंडित लालबाबू झा ने कही. उन्होंने कहा कि धर्म कोई भी हो कोई ये नहीं कहता सत्य के मार्ग को त्याग कर असत्य एवं हिंसा के मार्ग का अनुसरण करना. उन्होंने महाभारत के प्रसंग का उदाहरण देते हुए कहा कि जिस अधर्म व निर्दोष पर अत्याचार करने वालों का साथ देने वाले इच्छा मृत्यु का वरदान प्राप्त होने के बाद भी पितामह भीष्म सहित द्रोणाचार्य, कृपाचार्य, सूर्य पूत्र कर्ण जैसे महारथी के साथ महान पराक्रमी कौरवों का अंत कर भगवान श्रीकृष्ण ने धर्म के साम्राज्य की स्थापना की थी.
उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील करते कहा कि कभी भी धर्म का मार्ग न छोड़ें एवं इंसानियत को दरकिनार न करें. इस अवसर पर कृष्णमोहन पत्रलेख, दुर्गा लश्कर, रूपनारायण पत्रलेख, बाबू मिश्रा, नवल पत्रलेख, गौरव कुमार, बाबूकांत पत्रलेख, मोहन झा आदि सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित थे.