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बच्चों को दें अच्छे संस्कार, करायें दायित्व का बोध
देवघर: सत्संग आश्रम में श्रीश्री ठाकुर अनुकूलचंद्र का 130वां जन्म महोत्सव सह 309 वां ऋत्विक सम्मेलन का मंगलवार को समापन हो गया. अंतिम दिन विशेष उत्सव मंडप में ऋत्विक सम्मेलन व मातृ सम्मेलन का आयोजन किया गया. ऋत्विक सम्मेलन में विगत त्रैमासिक विवरणी पाठ किया गया. इसके बाद सत्संग के सचिव कार्तिक चंद्र सरकार ने […]
देवघर: सत्संग आश्रम में श्रीश्री ठाकुर अनुकूलचंद्र का 130वां जन्म महोत्सव सह 309 वां ऋत्विक सम्मेलन का मंगलवार को समापन हो गया. अंतिम दिन विशेष उत्सव मंडप में ऋत्विक सम्मेलन व मातृ सम्मेलन का आयोजन किया गया. ऋत्विक सम्मेलन में विगत त्रैमासिक विवरणी पाठ किया गया. इसके बाद सत्संग के सचिव कार्तिक चंद्र सरकार ने तीन माह का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया. सभी ऋत्विकों ने इसका स्वागत किया तथा आगे भी जारी रखने का निर्णय लिया गया.
मातृ सम्मेलन में जुटी महिलाएं : विशेष उत्सव भवन में ही दोपहर में मातृ सम्मेलन किया गया. इसमें माताओं को श्रीश्री ठाकुर जी की बातों को अपनाने की सलाह दी गयी. बताया गया कि बच्चों काे प्रथम पाठ माता पढ़ाती हैं. वह प्रथम पाठशाला हैं. बचपन में ही उनमें अच्छे संस्कार डालना चाहिए. उन्हें बड़ों को आदर करना व छोटे को प्यार करने की बात बतानी चाहिए. यही संस्कार आगे काम आता है. बच्चाें को मां-पिता, समाज व देश के प्रति अपना दायित्व समझाना चाहिए. उसे देशभक्त बनाना चाहिए. अनुयायियों ने बबाय दा से मिल कर अपनी समस्याएं रखी. बबाय दा ने गुरु के बताए मार्ग को अपनाने की सलाह दी. कहा कि इससे सभी कष्ट दूर हो जायेंगे.
विभिन्न राज्यों से पहुंचे अनुयायी
सम्मेलन में विभिन्न राज्यों से श्रीश्री ठाकुर जी के अनुयायी पहुंचे थे. मंगलवार सुबह 10:30 बजे ठाकुर बंगला में भोग निवेदन हुआ. इसके साथ ही आनंद बाजार शुरू हुआ. इस बार बाकुंड़ा सत्संग कमेटी को आनंद बाजार में सेवा का अवसर मिला. इससे पहले कार्यक्रम का शुभारंभ ब्रह्म मुहूर्त में वेद मांग्लिकी से हुआ. इसके उपरांत नहवत, उषा कीर्तन, ठाकुर बंगला में सामूहिक प्रार्थना, आशीर्वाणी पाठ, अर्ध्यांजलि, प्रणाम, अमिय ग्रंथादि पाठ हुआ. वहीं शाम में ठाकुर बंगला में सामूहिक प्रार्थना, समवेत नामजप, अमियग्रंथादि पाठ किया गया. रात में श्रीश्री ठाकुर जी व बड़ मां का भोग निवेदन के साथ दो दिवसीय कार्यक्रम का विधिवत समापन किया गया. इसे सफल बनाने में कार्तिक चंद्र सरकार, राजू दा, रतन सरकार, डा सपन विश्वास, बाबुन चौधरी, रामानंद सिंह, प्राण गोपाल, शांति कर, मलय सरकार, ब्रजो सुंदर, बुलन झा, रामकिंकर पांडेय, ऋचिनंदन चक्रवर्ती, प्रीतम सिंह, इषि प्रसाद, तरुण कुमार पाल, बुकुनी मंडल आदि ने सराहनीय भूमिका निभायी.
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