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डिस्ट्रिक्ट बार काउंसिल का आदेश, 343 अधिवक्ताओं का लाइसेंस होगा रद्द, प्रैक्टिस पर रोक
देवघर: झारखंड स्टेट बार काउंसिल ने डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन देवघर के 343 अधिवक्ताओं के नाम को हटाने का आदेश दिया है. साथ ही यह भी निर्देश दिया है कि इन अधिवक्ताओं को प्रैक्टिस से वंचित कर दिया जायेगा. हटाने की सूची में नामित अधिवक्ता न ताे स्टेट बार काउंसिल के चुनाव में वोट डाल पायेंगे […]
देवघर: झारखंड स्टेट बार काउंसिल ने डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन देवघर के 343 अधिवक्ताओं के नाम को हटाने का आदेश दिया है. साथ ही यह भी निर्देश दिया है कि इन अधिवक्ताओं को प्रैक्टिस से वंचित कर दिया जायेगा. हटाने की सूची में नामित अधिवक्ता न ताे स्टेट बार काउंसिल के चुनाव में वोट डाल पायेंगे और न डीबीए के चुनाव में.
किसी भी न्यायालय या ट्रिब्यूनल में अधिवक्ता के तौर पर कार्य भी नहीं कर पायेंगे. सभी का लाइसेंस रद्द कर दिया जायेगा. इसकी सूचना प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश देवघर, डीसी देवघर, श्रम न्यायालय देवघर, जिला उपभोक्ता संरक्षण फोरम देवघर, वाणिज्य कर विभाग, आयकर विभाग, रेलवे ट्रिब्यूनल आदि जगहों पर भेज दी गयी है. जानकारी के अनुसार, सूची में कई वरीय एडवोकेट के नाम भी शामिल हैं जिनका निधन भी हो चुका है. प्रैक्टिसिंग लॉयर व नन प्रैक्टिसिंग लॉयर के नामों के सत्यापन के बाद इन सबों का नाम सामने आया है. बार काउंसिल ऑफ इंडिया के नियमवाली के तहत यह कदम उठाया गया है. कई एडवोकेट ऐसे हैं जो अन्य व्यसाय या जॉब में भी चले गये हैं.
बार काउंसिल ऑफ इंडिया वैरीफिकेशन ऑफ सर्टिफिकेट्स एंड प्लेस ऑफ प्रैक्टिस रूल- 2015 के तहत जांच का प्रावधान है. इस सूची के नामित अधिवक्ता जो वेरिफिकेशन फॉर्म किसी विशेष कारण से भर नहीं पाये थे, उनके लिए काउंसिल ने एक माह का समय दिया है. वे एक माह के अंदर 2000 रुपये शुल्क के साथ भर सकते हैं.
बालेश्वर प्रसाद सिंह, जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष
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