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युवा देश की मिट्टी से करें प्रेम : राज्यपाल
दुमका: हूल दिवस के अवसर पर सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय में आयोजित समारोह में राज्यपाल सह कुलाधिपति द्रौपदी मुर्मू ने संताल अकादमी में बने लैंग्वेज लैब का ऑनलाइन उदघाटन किया तथा विवि के मोबाइल एप को लांच किया. इससे पूर्व उन्होंने विश्वविद्यालय में अमर शहीद सिदो कान्हू की आदमकद प्रतिमा पर श्रद्धा पुष्प अर्पित की. […]
दुमका: हूल दिवस के अवसर पर सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय में आयोजित समारोह में राज्यपाल सह कुलाधिपति द्रौपदी मुर्मू ने संताल अकादमी में बने लैंग्वेज लैब का ऑनलाइन उदघाटन किया तथा विवि के मोबाइल एप को लांच किया. इससे पूर्व उन्होंने विश्वविद्यालय में अमर शहीद सिदो कान्हू की आदमकद प्रतिमा पर श्रद्धा पुष्प अर्पित की. कुलाधिपति ने कहा : सिदो कान्हू के सपने अभी अधूरे हैं. इसके लिए हम सभी को मिल कर प्रयास करना होगा कुरीति, अशिक्षा व गरीबी के खिलाफ हमें लड़ना होगा. इसके हर दिन हमारा नया दिवस हूल दिवस होना चाहिए. सेना के सजग प्रहरी की तरह हम इन समस्याओं के अंत होने तक सजग व संघर्षशील रहने की जरूरत है.
कुलाधिपति ने कहा: विश्वविद्यालय शिक्षा का सर्वोच्च स्थान है. यहां बच्चों को देशभक्ति भी सिखायी जाये. पढ़ने के बाद युवा बड़े पैकेज के लिए देश छोड़ देते हैं. यह अच्छी बात नही है. जीने के लिए रोटी, कपड़ा व मकान चाहिए. युवा सिदो कान्हू से प्रेरणा लेकर देश की मिट्टी से प्रेम करें. यही सिदो कान्हू को सच्ची श्रद्धांजलि होगी. उन्होंने कहा : अमेरिका में 5 लाख की नौकरी से अच्छी देश में 1 लाख की नौकरी है. भले ही पेट भूखा हो, कपड़े तन में भले ही कम हों, लेकिन देश न छोड़े. क्योंकि सिदो कान्हू के तन में भी घुटने के उपर ही कपड़े थे. अंग्रेजों की बंदूक से लड़ने के लिए उनके पास तीर-धनुष था, पर अदम्य साहस था, जिनकी बदौलत उन्होंने हमारे लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर किया. उन्होंने कहा कि अमेरिका में 5 लाख की नौकरी से अच्छी देश में 1 लाख की नौकरी है. युवा देश से पलायन न करें.
आदिवासी ही हैं मूलधारा, हमें उनसे जुड़ने की जरूरत : भगत
विशिष्ट अतिथि पद्मश्री अशोक भगत ने कहा : अनेक कष्ट को झेलकर सिदो कान्हू जैसे महापुरुषों ने जंगल-पहाड़ों पर रहकर अपनी स्वायत्तता के लिए संघर्ष किया था. आज आदिवासियों को मूलधारा में जोड़ने की बात कही जाती है, लेकिन वास्तविकता यही है कि वही मूलधारा में हैं और हमें उनसे जुड़ना होगा. श्री भगत ने कहा कि भावनाओं में बह कर हम सुरक्षित नहीं रह सकते. चौतरफा आक्रमण हो रहा है. इस आक्रमण से निपटने के लिए अपने अंदर एक क्रांति लाने की जरूरत है. ऐसी क्रांति लाने के लिए सड़क पर उतरने की जरुरत नही है. इसके लिए उर्जावान बनना होगा. अन्याय-अत्याचार का प्रतिकार करना सीखना होगा. अतिथियों का स्वागत वीसी प्रो मनोरंजन प्रसाद सिन्हा ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ प्रमोदिनी हांसदा व मंच संचालन अंजनी शर्मा व प्रो अंजुला ने किया.
हूल के मूल्यों को समझना होगा : मंत्री लोइस
विशिष्ट अतिथि कल्याण मंत्री डॉ लोइस मरांडी ने कहा : जिन मूल्यों को लेकर हूल हुआ था, उसे समझना और हम सबों का आत्मसात करना होगा. संताल हूल को देश-विदेश के लोग जाने इसके लिए प्रयास किया जाना जरुरी है. चांद-भैरव, फूलो-झानो के साथ असंख्य महिला पुरुषों को भी इतिहास में शामिल करने की पहल होनी चाहिए, जिनकी बदौलत यह हूल हुआ था तथा शोषण, अत्याचार से मुक्ति मिली थी.
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