देवघर: सिविल सर्जन डॉ एससी झा ने करौं पीएचसी के तत्कालीन प्रभारी डॉ अनन्त कुमार पंडित के विरुद्ध प्रपत्र-क गठित करते हुए कार्रवाई की अनुशंसा झारखंड स्वास्थ्य चिकित्सा एवं परिवार कल्याण विभाग के उपसचिव से की है. इसकी प्रतिलिपि स्वास्थ्य विभाग के निदेशक प्रमुख सहित जिले के डीसी को भी भेजी गयी है. वर्तमान में डॉ पंडित उसी प्रखंड के अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गोविंदपुर करौं में कार्यरत हैं. सीएस के अनुसार डॉ पंडित पर कर्तव्यहीनता, मनमाने रुप से कार्य करने व आदेश की अवहेलना का आरोप है. छह बिंदुओं पर डॉ पंडित के विरुद्ध कार्रवाई के लिए रिपोर्ट किया गया है.
इस संबंध में सीएस द्वारा उपसचिव को भेजे गये पत्र में जिक्र किया गया है कि पीएचसी प्रभारी के कार्यकाल के दौरान चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गयी थी, तभी मरीज की मौत हुई थी. उक्त मामले में उच्चाधिकारियों के निर्देश की अवहेलना कर मनमाने रुप में कार्य में डॉ पंडित को दोषी पाया गया था.
बिना पूर्व सूचना के मुख्यालय से अनुपस्थित रहने, अधीनस्थ कर्मियों पर प्रशासनिक नियंत्रण नहीं रख पाने व मनमाने रूप से अधीनस्थों को वेतन भुगतान करने के मामले में भी डॉ पंडित दोषी पाये गये हैं. मरीज की मौत मामले में दोषी चिकित्सक पर प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश की अवहेलना कर लीपापोती करने के लिए शिथिलता बरतने में भी उन्हें दोषी पाया गया. हाइकोर्ट में दायर अवमाननावाद पर दिये गये निर्देश का अनुपालन नहीं करने में भी वे दोषी पाये गये. कार्य में सुधार हेतु सीएस द्वारा चेतावनी दिये जाने के बावजूद भी वे दोषी पाये गये.
उच्चाधिकारियों से अनुमति पाये गये बगैर महत्वपूर्ण निर्णय लेने व मनमाने तौर पर कार्य करने में भी डॉ पांडेय दोषी पाये गये हैं. डॉ पंडित के विरुद्ध सिविल सर्जन ने अपने कार्यालय के पत्रांक 1298 दिनांक 15 जून 2017 के तहत प्रपत्र-क गठित करते हुए कार्रवाई की अनुशंसा की है.