कई बार पंचायत कार्यालय गयी पर ना ही मुखिया मिलते हैं और ना ही पंचायत सचिव. महिलाओं ने कहा कि अब व्यवस्था से तंग आ चुके हैं. पेंशन क्यो नहीं मिल रहा है, यह भी बताने वाला कोई नहीं है.
पेंशन के फोटो व पासबुक खुलवाने में भी पैसे खर्च हो गये. मजदूरी चौका बरतन करके पैसे का जुगाड़ कर पेंशन के लिए खाता खुलवाया. पूर्व मुखिया कुलदीप सिंह जो वर्तमान मुखिया के पति भी हैं उन्होंने महिलाओं से एक महीने का माेहलत मांगा व पेंशन दिलाने का आश्वासन दिया.