केंद्र सरकार चाहती है कि कोयला उद्योग से जुड़े मजदूर लाचार बने रहें. सरकार की मजदूर विरोधी नीति के खिलाफ सड़क पर उतरने को विवश हैं. कहा कि दिल्ली में जेबीसीसीआइ की चार बैठकें हुई लेकिन कोई सार्थक परिणाम नहीं निकला. सरकार व कोल इंडिया मजदूरों का वाजिब हक व सुविधा देने के पक्ष में नहीं है. दसवां वेतन समझौते में 39 फीसदी बढ़ोतरी की मांग की गयी है.
मजदूर नेता सह पूर्व विधायक चुन्ना सिंह ने कहा कि जहां मजदूरों व आम लोगों का पसीना बहता है वे अपना खून बहाने के लिए तैयार हैं. कहा कि हड़ताल ऐसे सफल बनायेंगे कि केंद्र सरकार को वार्ता के लिए मजबूर होना पड़े. सीएमएसआइ केंद्रीय उपाध्यक्ष सुजीत भट्टाचार्य ने कहा कि केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के कारण हड़ताल के सिवाय कोई विकल्प नहीं है. मौके पर रामदेव सिंह, योगेश राय, केएन सिंह, होपना मरांडी समेत एचएमएस, जेसीएमयू व अन्य यूनियन के प्रतिनिधि मौजूद थे.