चतरा. जिले में झोलाछाप व अवैध रूप से संचालित क्लीनिकों पर जिला प्रशासन ने सख्ती बरती है. हाल ही में दो मरीजों की मौत व होटल में अवैध रूप से नर्सिंग होम संचालित होने की पुष्टि के बाद प्रशासन ने क्लीनिकल एस्टीब्लिसमेंट एक्ट के तहत झोलाछाप व संचालकों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी है. उपायुक्त कीर्तिश्री जी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अनुमंडल स्तर पर जांच समितियों का गठन किया है. दोषियों के विरुद्ध विधि-सम्मत कठोर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. ज्ञात हो कि गत दो सितंबर को हंटरगंज के नावाडीह स्थित जीवन रेखा क्लिनिक में प्रसव पीड़ा से पीड़ित रंजू देवी का ऑपरेशन कर दिया गया था, जिससे उसकी मौत हो गयी थी. मृतका के पति धर्मेंद्र कुमार यादव ने इसे लेकर हंटरगंज थाना में झोलाछाप विकेश कुमार यादव, रामधीर कुमार, सुनील कुमार के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी थी. उक्त नर्सिंग होम को सिविल सर्जन ने सील कर दिया है. वहीं एक सितंबर को वशिष्ठ नगर जोरी थाना क्षेत्र के डेमडेम नावाडीह निवासी ऋषि कुमार (पांच) की इलाज के दौरान मौत हो गयी. झोलाछाप प्रदीप विश्वकर्मा के दिये गये तीन इंजेक्शनों के बाद बच्चे की तबीयत बिगड़ गयी थी. मगध मेडिकल कॉलेज, गया पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था. इस संबंध में वशिष्ठनगर जोरी थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी. उपायुक्त ने कहा कि जिले में झोलाछाप व अवैध नर्सिंग होम व क्लीनिक के खिलाफ लगातार जांच की जायेगी. दोषी लोगों पर कार्रवाई होगी. इसके लिए चतरा व सिमरिया अनुमंडल समिति का गठन किया गया है. उन्होंने आमलोगों से इलाज के लिए पंजीकृत चिकित्सकों व मान्यता प्राप्त स्वास्थ्य संस्थानों का ही सहारा लेने की अपील की.
प्रशासन को मिली सूचना के आधार पर दो सितंबर को एसडीओ जहूर आलम व सदर सीएचसी प्रभारी चिकित्सा की टीम ने जांच की. इस दौरान पाया गया कि एक होटल का बोर्ड लगाकर अंदर अवैध रूप से नर्सिंग होम का संचालन किया जा रहा था. वहां कई मरीज भर्ती थे. संचालक मौके से फरार हो गया. उक्त अवैध नर्सिंग होम को सील करते हुए संचालक पंकज जायसवाल व रोहित जायसवाल के विरुद्ध सदर थाना चतरा कांड संख्या 295/25 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी.
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