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इटखोरी महोत्सव से चतरा को मिली राष्ट्रीय पहचान
इटखोरी : राजकीय इटखोरी महोत्सव से चतरा जिला को पर्यटन व कला संस्कृति के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली हैं. इससे आनेवाले दिनों में यहां पर्यटन उद्योग विकसित हो सकेगा. इटखोरी, तमासीन व कौलेश्वरी को बौद्ध सर्किट से जोड़ने की योजना है. अगर यह संभव हुआ, तो चतरा जिला झारखंड का कश्मीर साबित […]
इटखोरी : राजकीय इटखोरी महोत्सव से चतरा जिला को पर्यटन व कला संस्कृति के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली हैं. इससे आनेवाले दिनों में यहां पर्यटन उद्योग विकसित हो सकेगा.
इटखोरी, तमासीन व कौलेश्वरी को बौद्ध सर्किट से जोड़ने की योजना है. अगर यह संभव हुआ, तो चतरा जिला झारखंड का कश्मीर साबित होगा. देश ही नहीं विदेशों में भी इसकी पहचान बनेगी. मां भद्रकाली मंदिर परिसर में खुदाई के दौरान मिले प्राचीनकालीन अवशेषों की प्रदर्शनी जापान में लग चुकी है. सांसद सुनील सिंह चतरा की तसवीर बदलने के लिए लगातार प्रयासरत है. पर्यटन के साथ अौद्योगिक विस्तार करने के लिए प्रयास कर रहे हैं.
उन्होंने महोत्सव के दौरान ‘चतरा में निवेश की संभावना’ पर संगोष्ठी भी करायी थी. जिसमें कई अधिकारी शामिल हुए थे. इटखोरी महोत्सव से चतरा जिला विकास की नयी राह दिखायी है. मां भद्रकाली मंदिर में धार्मिक पर्यटकों की संख्या बढ़ती जा रही है.
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