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आचार संहिता के कारण सीएमडी का कार्यक्रम टला

त्र आम्रपाली परियोजना से सीसीएल को 10 करोड़ का मुनाफा : जीएम फोटो : पे्रसवार्ता में शामिल जीएम व अन्य, टंडवा 1 में़ टंडवा. मगध आम्रपाली कोल परियोजना कार्यालय में रविवार को सीसीएल की ओर से प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया़ इस दौरान जीएम एके ठाकुर ने सीएमडी गोपाल सिंह के टंडवा दौरा रद्द […]

त्र आम्रपाली परियोजना से सीसीएल को 10 करोड़ का मुनाफा : जीएम फोटो : पे्रसवार्ता में शामिल जीएम व अन्य, टंडवा 1 में़ टंडवा. मगध आम्रपाली कोल परियोजना कार्यालय में रविवार को सीसीएल की ओर से प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया़ इस दौरान जीएम एके ठाकुर ने सीएमडी गोपाल सिंह के टंडवा दौरा रद्द होने की जानकारी दी़ उन्होंने कहा कि रविवार को मगध परियोजना के मासीलौंग में सम्मान समारोह सह पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, लेकिन चुनाव आचार संहिता लग जाने के कारण इसे स्थगित कर दिया गया़ चुनाव आयोग से पुन: कार्यक्रम की अनुमति मांगी गयी है़ अनुमति नहीं मिलने की स्थिति में चुनाव बाद कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा़ उन्होंने कहा कि मगध आम्रपाली कोल परियोजना का कार्य शुरू कर दिया गया है़ इन दोनों परियोजनाओं से चालू वित्तीय वर्ष में 56 लाख 40 हजार टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है़ सिर्फ आम्रपाली परियोजना में अब तक 13 लाख 70 हजार टन कोयला का उत्पादन हो चुका है़ इसमें से 50 हजार टन कोयला बेचा जा चुका है़ अक्तूबर माह तक सीसीएल को आम्रपाली परियोजना से 10 करोड़ का मुनाफा हुआ है़ आम्रपाली कोल परियोजना का कोयला तीन मिलियन टन टोरी साइडिंग, दो मिलियन टन इ-निविदा व दो मिलियन टन कोयला पावर हाउस लिंकेज को दिया जायेगा़ मौके पर एजीएम अंजनी कुमार, मनोज अग्रवाल, एसटी घोष, अरुण कुमार आदि थे़ संघमित्रा परियोजना भी जल्द आयेगा अस्तित्व में महाप्रबंधक ने बताया कि 2255 हेक्टेयर में खुलने वाली संघमित्रा कोल परियोजना की अधिकतर भूमि पर सेक्शन नाइन लग चुका है़ वहीं 608 हेक्टेयर भूमि पर सेक्शन फोर लगाने का प्रस्ताव भेजा गया है़ संघमित्रा कोल परियोजना में कोयद, मनातु, साराढु, सराढु साउथ कोल ब्लॉक बनाये गये हैं़ उन्होंने कहा कि पूरे झारखंड में सीसीएल 50 मिलियन टन प्रतिवर्ष कोयला का उत्पादन करता है. वहीं मगध, आम्रपाली, संघमित्रा व पचड़ा कोल परियोजना से 127 मिलियन टन प्रति वर्ष उत्पादन होगा़ उन्होंने कहा कि आरएनआर नीति के तहत पहले विस्थापितों को ढाई डिसमिल जमीन या एक लाख रुपये दिये जाते थे. अब नयी नीति के अनुसार पांच डिसमिल जमीन या तीन लाख रुपये दिये जायेंगे़

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