सिमरिया : ‘ये आन तिरंगा है, ये शानतिरंगा है, मेरी जान तिरंगा है…’ इस गीत के बोल ही बता रहे हैं कि हम अपने राष्ट्रीय ध्वज को कितना सम्मान देते हैं. अंग्रेजों की वर्षों की गुलामी के बाद जब आजादी मिली, तोआसमान में लहराते तिरंगा को देख कर हर देशवासी खुद को गौरवान्वित महसूस करता है. लेकिन, कई बार देखागया है किलोगउल्टातिरंगाफहरादेतेहैं.झंडाझुकाछोड़देतेहैं.
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ऐसा ही एक मामला चतरा जिले के सिमरिया प्रखंड के जबरा में सामने आया है. जबरा अस्पताल में स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा झंडा फहराया गया.बाद में यह झंडा आधे से भी ज्यादा झुक गया. यह राष्ट्रीय ध्वज का अपमान है. हालांकि, मध्याह्न 12:07 बजे एएनम श्यामा घर से आयीं और उन्होंने झुके हुए तिरंगे को ठीक किया गया. हमारे देश के राष्ट्रीय ध्वज बनाने और इसे फहराने केकुछ नियम तय हैं.किसी सूरत में झंडाझुका नहीं होना चाहिए.
ऐसा नहीं है कि कभी झंडा झुकाया नहीं जाता. लेकिन, इसका कोई प्रयोजन होना चाहिए. उल्टा झंडा भी फहराया जा सकता है, लेकिन उसका भी प्रयोजन होता है. यहां बताना प्रासंगिक होगा कि देश मेंराष्ट्रीय शोक मनाये जाने की स्थिति में झंडा को आधा झुका दिया जाता है. इसी तरह यदि देश पर कोई गंभीर संकट आया हो, तो उस देश में उल्टा झंडा फहराया जाता है.
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लेकिन, सामान्य स्थिति में इसकी इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती. इसलिएशासन औरप्रशासन कोलोगों को इस बारे में लोगों को जानकारी देनी चाहिए. उन्हें झंडा फहराने के बारे में विशेष जानकार देनी चाहिए, ताकि कोई यह गंभीर गलती न दोहराये. झंडा फहराते समय लोग अतिरिक्त सतर्कता बरतें.