नोवामुंडी/ जगन्नाथपुर.
पश्चिमी सिंहभूम जिले के जगन्नाथपुर थानांतर्गत जुगीनंदा टोला के गागराई लांगर में शुक्रवार को दो मादा हाथियों (एक गर्भवती) के शव मिले. इससे वन विभाग में हड़कंप मचा गया. सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम पहुंची. हाथियों की मौत के कारणों की जांच-पड़ताल शुरू की. वनकर्मी उदित नारायण गागराई ने डीएफओ को बताया. रेंजर जितेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि हाथियों की मौत का वास्तविक कारण स्पष्ट नहीं है. प्रारंभिक अनुमान है कि दो-तीन दिन पहले हाथियों की मौत हुई है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट और अन्य वैज्ञानिक जांच के बाद मौत के सही कारणों की पुष्टि हो सकेगी.शवों से दुर्गंध आने पर ग्रामीण पहुंचे
ज्ञात हो कि हाथियों के शवों से दुर्गंध आने पर शुक्रवार को घटनास्थल पर ग्रामीण पहुंचे. उन्होंने हाथियों के शवों को देख वन विभाग को सूचना दी. घटना से स्थानीय लोगों में चिंता का माहौल है. रेंजर ने कहा कि खेतों और जंगल में देखे गये निशान बताते हैं कि बीते कुछ दिनों से हाथियों का झुंड गांव के आसपास तनाव में भटक रहा था.
पोस्टमार्टम व बिसरा सुरक्षित रख शवों को दफना दिया
तीन डॉक्टरों (शिवकुमार वर्मा, विकास कुमार और पूजा मुखर्जी) ने हाथियों के शवों को पोस्टमार्टम के बाद पास में दफना दिया. वन विभाग ने दोनों हाथियों के बिसरा (प्रमुख अंगों) को सुरक्षित रखा. डॉक्टरों ने बिसरा लिवर, किडनी और अन्य अंगों के नमूने फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिये. जेसीबी की सहायता से घटनास्थल पर गहरा गड्ढा खोदकर दोनों हाथियों को सम्मानपूर्वक दफना दिया गया. डीएफओ के छुट्टी पर रहने की वजह से रेंजर जितेन्द्र प्रसाद सिंह पहुंचे और जांच की. वन विभाग की ओर से आएएफएस प्रशांत भविस्कर, रेंजर जितेंद्र प्रसाद सिंह, अमित कुमार, जय श्री, साधु चरण बोयपाई, उदित गागराई व रबींद्र पान मौजूद रहे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

