चक्रधरपुर. चक्रधरपुर प्रखंड में गुरुवार को भाई-बहन के प्रेम का पर्व भैया दूज (यम द्वितीया) पारंपरिक रीति-रिवाज से मनाया गया. बहनों ने भाइयों को तिलक लगाकर लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना की. घरों में सुबह से त्योहार का माहौल रहा. बहनों ने रंगोली व दीपक बनाया. पकवानों के साथ पूजा की थाली सजायी. पूजा की थाली में रोली, चावल (अक्षत), सुपारी, फूल और मिठाई रही. बहनों ने पौराणिक कथा का स्मरण करते हुए विधिवत रूप से भाइयों के मस्तक पर तिलक लगाया. चक्रधरपुर में झुमका मोहल्ला, सरफराज क्वार्टर, शीतला मंदिर समेत कई स्थानों पर बहनों ने पूजा-अर्चना की.
भाइयों ने बहनों को दिये उपहार :
बहनों ने मंत्रोच्चार कर भाइयों के दीर्घायु जीवन और यमराज के भय से मुक्ति की प्रार्थना की. तिलक के बाद बहनों ने भाइयों को मिठाई खिलायी. भाइयों ने बहनों को उपहार दिये. जीवनभर रक्षा का वचन दिया. भाइयों ने बहनों के हाथों से बना भोजन ग्रहण किया. इस पर्व की एक महत्वपूर्ण परंपरा है.श्रद्धा के साथ हुई भगवान चित्रगुप्त की पूजा
चक्रधरपुर. तुलसी भवन सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में गुरुवार को चित्रांश परिवार द्वारा भगवान चित्रगुप्त की पूजा संपन्न हुई. सुबह 11 बजे भगवान चित्रगुप्त की प्रतिमा स्थापित कर विधिवत पूजा-अर्चना की गई, जो दोपहर तक चली. पूजा के उपरांत सभी श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद वितरण किया गया. मान्यता के अनुसार, कार्तिक शुक्ल द्वितीया को भगवान चित्रगुप्त का जन्म हुआ था, इसलिए हर वर्ष इसी दिन उनकी जयंती मनाई जाती है. हिंदू धार्मिक मान्यताओं में भगवान चित्रगुप्त को ब्रह्मा जी के चित्त से उत्पन्न माना गया है. वे यमराज के सहायक और देवलोक के लेखपाल हैं. मौके पर मुख्य रूप से राकेश श्रीवास्तव, जयप्रकाश श्रीवास्तव, सत्यानंद कुमार सिन्हा समेत बड़ी संख्या में चित्रांश समाज के लोग उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

