मनोहरपुर.
सारंडा के चुरगी गांव में एक सप्ताह के भीतर हुई दो महिलाओं की मौत को लेकर जब मलेरिया की संभावना व्यक्त हुई, तब सोमवार को स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया. गांव में शिविर लगाकर ग्रामीणों का रक्त परीक्षण किया गया. तब चौंकाने वाला खुलासा हुआ. शिविर में 70 लोगों की मलेरिया जांच की गयी. इसमें 30 लोग मलेरिया पॉजिटिव पाये गये. मलेरिया पीड़ित मरीजों को आवश्यक दवा दी गयी. हेल्थ कैंप में मौजूद डॉ चुड़ंगदेव महानता ने बताया कि सोमवार को यहां स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर लोगों को स्वास्थ्य जांच के लिए प्रेरित किया. यह मलेरिया प्रभावित क्षेत्र है. इसलिए सोमवार को 70 लोगों की मलेरिया जांच की गयी. मलेरिया पॉजिटिव पाये गये ग्रामीणों को दवा दी गयी है. कुछ ग्रामीण मलेरिया के साथ अन्य बीमारी से भी ग्रसित हैं. उनका ब्लड सैंपल लिया गया है.एंबुलेंस तक की सुविधा नहीं : इंदा जामुदा
सलाई गांव के समाजसेवी इंदा जामुदा ने बताया कि सारंडा क्षेत्र को मलेरिया जोन के रूप में चिह्नित किया गया है. इसके बावजूद यहां के लोगों के स्वास्थ्य के प्रति विभाग द्वारा अनदेखी की जाती रही है. छोटानागरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कम से कम एक एंबुलेंस की व्यवस्था होनी चाहिए. जंगल क्षेत्र होने के कारण गांवों में शिविर लगाकर लोगों की स्वास्थ्य जांच होनी चाहिए. हमारी मांगों को सरकार नजर अंदाज कर रही है. इस कारण लोग मौत के शिकार हो रहे हैं.
झाड़-फूंक मौत का कारण बना : निगरानी निरीक्षक
मनोहरपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थापित मलेरिया निगरानी निरीक्षक हरविंदर कुमार ने बताया कि 2 महिलाओं की मौत की सूचना पर सोमवार को मेडिकल टीम द्वाराशिविर लगाकर लोगों की स्वास्थ जांच की गयी है. मृत महिला के परिजनों ने बताया कि दोनों काफी समय से बीमार चल रही थी. उनका इलाज झाड़-फूंक और ग्रामीण चिकित्सक से कराया जा रहा था. दोनों की मलेरिया जांच रिपोर्ट नहीं मिली है.दोनों महिलाएं लंबे समय से बीमार थीं : परिजन
सलाई उप स्वास्थ्य केंद्र अंतर्गत पड़ने वाले चुरगी गांव में जब शिविर लगाकर ग्रामीणों की जांच की गयी, तब एक साथ 30 लोग मलेरिया पीड़ित पाये गये. उप स्वास्थ्य केंद्र में सिर्फ दो एएनएम शशि शबनम मिंज और सिलबंती पूर्ति के अलावे एमपीडब्लू प्रवीण पूर्ति पदस्थापित हैं. जिस दो महिला की मौत की बात हो रही है. बताया जाता है कि वे दोनों कई माह से बीमार थी. परंतु एमपीडब्लू अथवा अन्य स्वास्थ्य कर्मी द्वारा एक बार भी दोनों की जांच नहीं की गयी. यही वजह है कि एक साथ 30 लोग मलेरिया से पीड़ित पाये गये. मृतक महिला जावनी लागुरी और तुरी चांपिया के परिजनों ने बताया कि दोनों कई माह से बीमार थी. मेडिकल टीम द्वारा मृत महिलाओं की जांच रिपोर्ट मांगा गयी, जब जांच ही नहीं हुई, तो परिजन रिपोर्ट कहां से दिखाते.मृत महिलाओं के परिजनों ने बताया कि दोनों पांच -छह माह से बीमार थी. दोनों का इलाज ग्रामीण चिकित्सक कर रहे थे. परिजनों ने मलेरिया से संबंधित कोई रिपोर्ट नहीं दिखायी. इसीलिए मृत दोनों महिलाएं मलेरिया पॉजिटिव थी, यह कहा नहीं जा सकता है. सोमवार को गांव के 70 लोगों की स्वास्थ्य जांच की गयी है. इसमें 30 लोग मलेरिया पॉजिटिव पाये गये हैं. सभी को दवा दे दी गयी है. –
डॉ चूडंग देव महानता
, चिकित्सक सीएचसी मनोहरपुरडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

