चाईबासा. आदिवासी उरांव समाज संघ ने मसना स्थल (कब्रिस्तान) में अपने पूर्वजों को याद करते हुए हड़बोड़ी अनुष्ठान का आयोजन किया. उरांव समुदाय के लोगों ने अपने पूर्वजों के कब्र को फूलों से सजाया और घर से बने पकवान अर्पण किये. इसके बाद पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की. लोगों ने बताया कि कृष्ण पक्ष के पौष माह की तीसरी घड़ी में इस अनुष्ठान का आयोजन किया जाता है. इसे उरांव समुदाय के लोग कोहां बेंजा (बड़ी शादी) भी कहते हैं. समिति के सचिव अनिल लकड़ा ने कहा कि सातों अखाड़ा के लोग इस अनुष्ठान में शामिल होते हैं. इस कार्यक्रम में रांची विश्वविद्यालय कुड़ुख विभाग सह सरना नवयुवक संघ केंद्रीय समिति रांची के हरि उरांव, डॉ बंदे खलखो, साधु उरांव, सुखराम उरांव, जगदीश उरांव, लखन उरांव, गणेश उरांव, अमर उरांव, कृष्णा उरांव, पुष्पा किस्पोट्टा, दुलारी मिंज, पुष्पा तिग्गा, शीला मिंज, प्रियंका उरांव, लक्ष्मण उरांव आदि उपस्थित थे.
चाय, खिचड़ी व खीर के लगे स्टॉल :
इस अवसर पर विभिन्न तरह के स्टॉल लगाये गये थे. इसमें चाय, खिचड़ी, घुघनी, मुड़ी आदि शामिल थे. विक्रम लकड़ा ने टेंट की व्यवस्था की थी. स्वर्गीय बिरसा तिर्की व पालो तिर्की के स्मृति में शोभा तीर्थ द्वारा झालमुड़ी, स्वर्गीय गांधी तिर्की के स्मृति व मसना कमेटी के तरफ से चाय-बिस्कुट, राजकमल लकड़ा तेलंगाखुरी ने हलवा व खीर, बानटोला महिला समिति ने खिचड़ी व धूमकुड़िया कमेटी ने चाय, घुघनी की व्यवस्था की थी. कार्यक्रम को सफल बनाने में बाबूलाल बरहा, दुर्गा खलखो, कृष्णा टोप्पो, डोमा मिंज, धर्मा तिग्गा, छिदिया कच्छप, गणेश कच्छप, खुदिया कुजूर, शंभू टोप्पो, चंदन कच्छप, सुमित बरहा, रोहित खलखो, इशू टोप्पो, बंधन खलखो, सीताराम मुंडा, लक्ष्मी कच्छप, निर्मला लकड़ा, सावित्री कच्छप, किरण नुनिया, मालती लकड़ा, ननकी लकड़ा का सहयोग रहा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

