पिंड्राजोरा. पिंड्राजोरा थाना क्षेत्र के पोखन्ना तथा काठुवारी गांव के दो युवकों को मोबाइल फोन से संपर्क कर रोजगार का झांसा देकर जहानाबाद (बिहार) बुला कर बंधक बना लिया गया. पिंड्राजोरा पुलिस ने जहानाबाद की पुलिस से संपर्क कर एक महीने से बंधक बनाये दोनों युवकों को मुक्त कराया. दोनों युवक शनिवार की देर रात अपने-अपने घर लौट आये हैं. यह घटना पिंड्राजोरा थाना क्षेत्र के उलगोड़ा पंचायत के काठुवारी गांव निवास मिठू कालिंदी के पुत्र मृत्युंजय कालिंदी (19 वर्ष) तथा पोखन्ना पंचायत अंतर्गत पोखन्ना गांव निवासी सहदेव कालिंदी के पुत्र उत्तम कालिंदी(19 वर्ष) के साथ घटी. दोनों बिहार के जहानाबाद थाना क्षेत्र के औरंगाबाद में एक रूम में कैद थे. दोनों युवकों ने बताया कि गुरुवार को शौचालय जाने के बहाने पर किसी तरह हमने फोन कर अपने-अपने परिजनों को बंधक बनाये जाने की जानकारी दी. इसके बाद दोनों युवकों के माता-पिता ने शुक्रवार को झारखंड फाउंडेशन के निदेशक डॉ जयदेव कुमार महतो से मिलकर सारी बात बतायी. डॉ जयदेव ने दूरभाष पर अनुमंडल पुलिस तथा स्थानीय थाना प्रभारी से संपर्क कर युवकों के साथ हुई घटना की जानकारी दी. अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी तथा पिंड्राजोरा थाना प्रभारी अभिषेक कुमार रंजन ने घटना को संज्ञान में लेते हुए बिहार के जहानाबाद थाना प्रभारी को मामले की जानकारी दी. दोनों के परिजन शुक्रवार को जहानाबाद गये. वहां पहुंचने पर जहानाबाद थाना की पुलिस ने दोनों युवकों से लिखित आवेदन लेकर शनिवार को उन्हें उनके परिजनों को सौंप दिया. बंधक बनाये गये दोनों युवक ने बताया कि झारखंड के कुल छह युवकों को हम लोगों के साथ पुलिस ने बरामद कर उनके घर भेज दिया है.
बंधक की कहानी दोनों युवकों की जुबानी
बिहार में बंधक बनाये गये उत्तम कालिंदी ने बताया कि पहले उसे फोन कर 15 हजार लेकर 30 हजार रुपये प्रति माह नौकरी देने का प्रलोभन देकर बुलाया गया. फोन से संपर्क कर हम बताया गया कि पता पर आठ फरवरी को पहुंच गये. वहां से दो लोग हमें अपने साथ ले गये. कुछ दिन बीत जाने के बाद हमें कहा गया कि तुम अपने संबंधी तथा साथी को फोन करके 15 हजार रुपये लेकर बुलाओ, नहीं तो तुम्हारे साथ मारपीट की जायेगी. भय में आकर मैंने उनके सामने फोन कर अपने संबंधी मृत्युंजय कालिंदी को बुलाया. मृत्युंजय वहां पहुंचा तो उसे भी बंधक बना लिया गया.घर लौटने के बाद भी सहमे-सहमे से हैं दोनों युवक : उत्तम कालिंदी ने बताया कि हमारे जैसे और भी युवाओं को नौकरी का झांसा देकर जहानाबाद बुलाया जाता था और पैसे ले लिये जाते थे. इसके बाद हमसे और दोस्तों को बुलाने के लिए फोन कराया जाता था. अपहर्ताओं की बात नहीं मानने पर मारपीट की जाती थी. इस घटना के बाद मृत्युंजय कालिंदी तथा उत्तम कालिंदी भयभीत व सहमे हुए हैं.
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