सीटू बेरमो कमेटी के द्वारा सोमवार को सीसीएल की खासमहल कोनार परियोजना के पिट ऑफिस सभागार में कोयला कर्मियों के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया. अध्यक्षता एटक नेता सुरेश प्रसाद शर्मा व संचालन सीटू नेता विजय कुमार भोई ने किया. सीटू के राज्य उपाध्यक्ष रामचंद्र ठाकुर ने कहा कि 21 नवंबर को देश भर के श्रमिक संगठनों और ट्रेड यूनियनों के विरोध के बावजूद केंद्र सरकार ने अंहकारपूर्वक पूंजीपतियों के हित में बनाये गये चार श्रम कोड लागू कर दिये. इसका मकसद स्थायी नौकरियों को खत्म करना, यूनियनबद्ध श्रम को खत्म करना, काम के घंटे बढ़ाना, श्रम संरक्षणों को वापस लेना, लेबर कोर्ट व लेबर विभाग को खत्म करना आदि है. केरल की वामपंथी सरकार ने राज्य में लेबर कोड को लागू करने से इनकार कर दिया है. कोयला मजदूर भी चार लेबर कोड का पुरजोर विरोध करें.
मजदूरों से संघर्ष करने की अपील
सीटू के जिला कार्यकारी अध्यक्ष भागीरथ शर्मा ने कहा कि ये चार लेबर कोड लगभग एक सदी तक के संघर्षों से हासिल किये गये अधिकारों को एक ही झटके में छीन लेने की ताकत रखते हैं. यह मजदूरों को गुलामी की तरफ धकेलने का सुनियोजित प्रयास है. मजदूरों के प्रतिरोध और एकजुट संघर्ष से ही इसे रोका जा सकता है.
सीटू के जिला सचिव प्रदीप विश्वास ने कहा कि श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी ड्राफ्ट राष्ट्रीय श्रम एवं रोजगार नीति एक और मजदूर विरोधी कदम है. आज देश का मजदूर वर्ग और अन्य मेहनतकश इतिहास के सबसे कठिन दौर से गुजर रहा है. विजय कुमार भोई ने कहा कि एक ओर कॉरपोरेट पूंजीपतियों का मुनाफा आसमान छू रहा है और दूसरी ओर मजदूरों को नौकरी से निकाला जा रहा है. सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों, बैंक और बीमा का निरंतर निजीकरण कर रही है. कार्यशाला को जमसं के संतोष कुमार, जेसीएमयू के पंकज महतो, मनोज पासवान आदि ने भी संबोधित किया. धन्यवाद ज्ञापन एसबी सिंह दिनकर ने किया. मौके पर यूसीडब्ल्यूयू के एसके आचार्य, सीटू के शिव शंकर तांती, अख्तर खान, बिंदेश्वर रविदास, सुरेश कुमार, वरुण कुमार, धनेश्वर , नीलकंठ यादव, चंद्रिका मलाह सहित कई कामगार उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

