बोकारो थर्मल. संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार, पश्चिम बंगाल नाट्य अकादमी तथा कोलकाता के अनुचिंतन आर्ट सेंटर के सौजन्य से रिषरा दुरायण द्वारा आयोजित जूट थियेटर फेस्टिवल में बतौर मुख्य अतिथि बोकारो थर्मल की प्रसिद्ध चित्रकार विनीता बंद्योपाध्याय शामिल हुईं. समारोह में ’कविता के साथ नाट्यकला व चित्रकला के संबंध’ विषय पर विचार गोष्ठी में बिनीता बंद्योपाध्याय ने आदिम चित्रकारी को अक्षर की जननी तथा विचार विनिमय की प्राचीनतम माध्यम बताया. चित्रकला के साथ संस्कृति जगत की भिन्न कलाशैली और विधाओं का संबंध व सामंजस्य के बारे में भी प्रकाश डाला. संचालन कवि संजीवन राय ने किया. बांग्लादेश से आये नाट्य विशेषज्ञ व सुप्रसिद्ध अभिनेता जियाउल हक ने आयोजकों की ओर से बिनीता को सम्मान स्मारक प्रदान किया. अदिति सेन चट्टोपाध्याय, अरिंदम रायचौधुरी व मृत्युंजय दास ने बांग्ला तथा विश्वदीप चटर्जी ने हिंदी में काव्य पाठ किया. अनुब्रत बंद्योपाध्याय ने स्वरचित शायरी प्रस्तुत की. इस चार दिवसीय फेस्टिवल में माइकल मधुसूदन दत्त की द्विशत जन्मोत्सव के संदर्भ में संगोष्ठी, विश्व नाट्य दिवस समारोह तथा नाट्य कार्यशाला का भी आयोजन किया गया. संगोष्ठी के सहायक के रूप में गौरव दास, दीप चक्रवर्ती, चंद्रा मुखर्जी आदि ने भाग लिया.
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अक्षर की जननी है आदिम चित्रकारी : बिनीता
अक्षर की जननी है आदिम चित्रकारी : बिनीता
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