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17-18 अगस्त को हो सकती है जेबीसीसीआइ मानकीकरण कमेटी की बैठक

17-18 अगस्त को हो सकती है जेबीसीसीआइ मानकीकरण कमेटी की बैठक

राकेश वर्मा, बेरमो : कोल इंडिया की अनुषंगी इकाइयां फिर से अवैध व वैध के अलावा सरप्लस क्वार्टरों का आंकड़ा इकट्ठा करने में जुट गयी हैं. हर कंपनी अपने हर एरिया प्रबंधन को इस बाबत पत्र प्रेषित किया है. कोल इंडिया के रिटायर्ड कर्मियों को क्वार्टर लीज पर दिये जाने को लेकर कुछ माह पूर्व जेबीसीसीआइ मानकीकरण कमेटी की बैठक में सब कमेटी का गठन किया गया था. इसमें कोल इंडिया के अधिकारियों के अलावा मान्यता प्राप्त मजदूर संगठनों के नेताओं को शामिल किया गया था. इस कमेटी की पहली बैठक लोस चुनाव की घोषणा के बाद धनबाद में हुई थी, लेकिन आदर्श चुनाव आचार संहिता के कारण इस बैठक में किसी तरह का फैसला नहीं लिया जा सका था. जानकारी के अनुसार 17-18 को जेबीसीसीआइ मानकीकरण कमेटी की बैठक होने की उम्मीद है. इसके पहले सब कमेटी की बैठक होगी, जिसमें कोल इंडिया के क्वार्टर को लीज पर दिये जाने को लेकर चर्चा होगी तथा किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकेगा. सब कमेटी को बैठक में इस पर चर्चा होगी कि क्वार्टर किन शर्तों पर लीज पर देना है. इसका रिकोमडेशन कर जेबीसीसीआइ मानकीकरण की बैठक में सबमिट करना है, ताकि कोल इंडिया इस पर कोई ठोस फैसला ले सके. दूसरी ओर कोल इंडिया व अनुषंगी इकाई के विजिलेंस ने भी कंपनी प्रबंधन ने अवैध व वैध के अलावा सरप्लस तथा खाली क्वार्टरों की सूची उपलब्ध कराने को कहा है. मालूम हो कि 17 जुलाई 2024 को सीसीएल मुख्यालय रांची के विभागाध्यक्ष (प्रशासन) के हस्ताक्षर से कंपनी के सभी क्षेत्रीय महाप्रबंधक, क्षेत्रीय स्टाफ अधिकारी (कार्मिक एवं प्रशासन) के नाम अनधिकृत आवासों को खाली कराने के संबंध में पत्र निर्गत किया गया है. एटक नेता लखनलाल महतो का कहना है कि फिलहाल क्वार्टर को लेकर जो सब कमेटी का गठन किया गया है, उसमें मुख्य रूप से रिटायर्ड कोलकर्मियों को क्वार्टर लीज पर दिये जाने को लेकर चर्चा होनी है. साथ ही कोल इंडिया के हर एरिया में रहनेवाले अन्य लोगों को भी लीज पर क्वार्टर दिये जाने को लेकर इस चर्चा होगी.

जेबीसीसीआइ सदस्यों ने कोल इंडिया चेयरमैन के समक्ष उठाया था मामला

वेतन समझौता-11 में जेबीसीसीआइ की पहली बैठक में ही जेबीसीसीआइ सदस्यों ने कोल इंडिया चेयरमैन के समक्ष क्वार्टर को लीज पर दिये जाने का मामला उठाया था. साथ ही प्रबंधन को दिये गये संयुक्त मांग पत्र में भी यह मांग शामिल की गयी थी. जेबीसीसीआइ की पहली बैठक में इस मामले को उठाने के बाद नवंबर 2021 में कोल इंडिया ने इसको लेकर सर्कुलर जारी कर दिया. इसके बाद जेबीसीसीआइ की पांचवीं बैठक में पुन: जेबीसीसीआइ सदस्यों ने कोल इंडिया चेयरमैन के समक्ष इस मामले को उठाया तथा कहा कि जब पहली बैठक में इस पर बात हुई थी तो इसके बावजूद कोल इंडिया की ओर से क्वार्टर को लेकर सर्कुलर क्यों जारी किया. इस पर कोल इंडिया चेयरमैन ने जेबीसीसीआइ सदस्यों को आश्वस्त किया था कि इसको लेकर कोई रास्ता निकाला जायेगा. बाद में जेबीसीसीआइ मानकीकरण कमेटी की बैठक में इसको लेकर सब कमेटी का गठन किया गया.

नवंबर 2021 में कोल इंडिया के निदेशक कार्मिक ने जारी किया था सर्कुलर

मालूम हो कि नवंबर 2021 में कोल इंडिया के निदेशक कार्मिक ने सभी अनुषंगी इकाइयों में एक सर्कुलर जारी किया था. इसमें कहा गया था कि किसी भी रिटायर कर्मी को कंपनी को क्वार्टर हैंड ओवर करने के बाद ही ग्रेच्युटी राशि का भुगतान किया जायेगा. जारी इस सर्कुलर के बाद कोल इंडिया की हर कंपनी ने इसका सख्ती से पालन करना शुरू कर दिया. जानकारी के अनुसार कोल इंडिया में हजारों ऐसे रिटायर कर्मी हैं, जिनका ग्रेच्युटी भुगतान नहीं किया गया है. तीन माह के बाद कंपनी को क्वार्टर हैंड ओवर नहीं करने के बाद पैनल रैंट काटा जा रहा है.

2012 में सीसीएल ने निकाला था आर्डर

वर्ष 2012 में जेसीएससी सदस्यों द्वारा उठाये गये मामले के बाद सीसीएल ने हर एरिया के अधीन सरप्लस क्वार्टरों को लीज पर दिये जाने को लेकर एक आर्डर निकाला था. इसमें बैंक कर्मियों, स्कूल शिक्षक, स्टेक होल्डर, पोस्ट ऑफिस आदि को क्वार्टर लीज पर दिये जाने की बात थी. बाद में सीसीएल ने किसी भी यूनिट ने एरिया को सरप्लस क्वार्टरों की सूची मुख्यालय को उपलब्ध नहीं करायी, जिसके कारण यह आर्डर खटाई में पड़ गयी.

जेसीएसी की बैठक में मामले को लेकर कमेटी का किया गया था गठन

चार-पांच साल पहले क्वार्टर लीज पर दिये जाने को लेकर सीसीएल में संयुक्त सलाहकार संचालन समिति की बैठक में प्रबंधन के समक्ष मामला उठाया गया था. इसके बाद प्रबंधन व जेसीएसी सदस्यों को मिला कर एक कमेटी का गठन किया गया था. इसमें कहा गया था कि कमेटी सेल व एचइसी का भ्रमण कर वहां की स्थिति को पटल पर रखेगी. पाया गया कि एचइसी व सेल में लाइसेंस फी के आधार पर रिटायर होने वाले कर्मियों को क्वार्टर दिये जाने का प्रावधान है. बाद में इसे सीसीएल के एटीआर (एक्शन टेकन रिपोर्ट) में शामिल भी किया गया. लेकिन ताज्जुब है कि कमेटी गठन के बाद से आज तक इस कमेटी की एक भी बैठक नहीं हुई.

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