गांधीनगर. खेतको और जारंगडीह के बीच दामोदर नदी पर बने पुल की जर्जर हालत से स्थानीय लोग सहमे हुए हैं. उनका कहना है कि कभी भी दुर्घटना हो सकती है. यह पुल खेतको व आसपास के सैकड़ों गांवों के लोगों के लिए लाइफ लाइन है. सरकार बरसात से पहले पुल की मरम्मत कराये. कहा कि पुल का ऊपरी सतह तो ठीक नजर आ रहा है, लेकिन चार पिलर जमीन के अंदर धंसे हुए हैं. कई पिलरों की स्थिति बहुत ही जर्जर है. पिलरों के आसपास अवैध बालू खनन किये जाने के स्पष्ट निशान दिख रहे हैं. लगभग 1000 मीटर की दूरी पर पांच-छह ट्रैक्टरों से अवैध बालू का उठाव अभी भी हो रहा है. खेतको के पंसस जफर अली ने कहा कि पुल बने हुए लगभग 13 साल हो गये हैं. पिलर जर्जर है और बगल में चलने वाला रास्ता भी टूट गया है. हो सकता है कि पुल का निर्माण ठीक ढंग से नहीं हुआ हो. पुल के पिलरों के पास से बालू का उठाव ग्रामीण नहीं करने दे रहे हैं. सरकार त्वरित कार्रवाई करें. भाजपा नेता गौतम राम ने कहा कि पुल निर्माण के समय गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा गया. 13 अप्रैल को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जारंगडीह आ रहे हैं, उन्हें भी पुल के बारे में जानकारी दी जायेगी. समाजसेवी राजेश शर्मा ने कहा कि यह पुल ज्यादा दिन चलने वाला नहीं है. यह पुल दो प्रखंडों को जोड़ता है. पहले पुल के सामने अवैध बालू का उत्खनन होता था. सरफराज अंसारी ने कहा कि यह पुल टूट गया तो काफी संख्या में विद्यार्थियों की पढ़ाई रुक जायेगी. एक साल पहले पुल में मेंटेनेंस का कार्य हुआ था. इस बार भी मेंटेनेंस को लेकर सामग्री गिरायी गयी थी. लेकिन पता नहीं क्या हुआ कि काम नहीं हुआ. ग्रामीण मिथुन शर्मा ने कहा कि करोड़ों रुपये से बने इस पुल के इतने कम समय में इस हालत के लिए जिम्मेवार लोगों पर सरकार कार्रवाई करें. मौके पर आबिद हुसैन, मनोज ठाकुर, विजय शर्मा, साबिर अंसारी, मनोहर लाल ठाकुर, सुरेश नायक, राजा बाबू, समीर नायक, मो शरीफउल्लाह, मो जावेद सहित कई ग्रामीण उपस्थित थे.
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