बोकारो, जिला प्रशासन ने शुक्रवार देर रात को चास अनुमंडल में निषेधाज्ञा लागू की. इसके बाद बोकारो विधायक श्वेता सिंह को प्रशासन ने डिटेन किया. सेक्टर एक स्थित सर्किट हाउस में उन्हें नजरबंद रखा गया. शनिवार दोपहर एक बजे विधायक को रिहा किया गया. इसके बाद विधायक श्वेता सिंह बोकारो जनरल अस्पताल पहुंचीं. घायल विस्थापितों का हालचाल जाना. इसके बाद विधायक श्वेता सिंह ने मीडिया से बात की. श्रीमती सिंह ने यहां पत्रकारों से कहा कि न्याय मिलने तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा. श्रीमती सिंह ने कहा कि त्रिपक्षीय वार्ता के दौरान बीएसएल के अधिकारी सिर्फ पॉलिसी का हवाला देकर पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रही थे. वहीं बोकारो डीसी भी बीएसएल के पक्ष में बात कर रही थी. ठेका पर नौकरी की बात कही गयी, इस कारण वार्ता विफल हुई. वार्ता बेनतीजा होने के बाद डीसी से यह कहकर निकली कि जैसा भी होगा, मुझे बता दीजियेगा.
बिना मांग पूरी हुए प्लांट नहीं चलने दिया जायेगा
विधायक श्रीमती सिंह ने कहा कि विस्थापितों की जमीन पर प्लांट बनी है. हमारी मांग विस्थापितों के लिए थी. सीधे तौर पर कहा कि बिना मांग पूरी हुए प्लांट नहीं चलने दिया जायेगा. इसके बाद डीसी व एसपी ने प्लांट के कर्मियों की सुरक्षा की बात कही. बैठक में स्पष्ट कहा गया कि प्लांट से मजदूरों को बाहर निकाला जा रहा है, सिर्फ इंट्री नहीं दी जा रही है. इसके बाद प्लांट में गैस लीकेज की बात कही जाने लगी. इस पर मैंने कहा कि फैक्ट्री इंस्पेक्टर से इसकी जांच करा ली जाये, लेकिन ऐसा कुछ नहीं किया गया.
बोकारो के बाहर के लोगों ने माहौल बिगाड़ा
विधायक श्रीमती सिंह ने कहा कि बैठक के दौरान डीसी ने भी आंदोलन चलने की बात कही. इसके बाद हम धरना स्थल (स्टील गेट) पर पहुंचे. कुछ समय के बाद जिला प्रशासन ने मुझे डिटेन कर लिया, लेकिन जिसने बोकारो को अशांत किया, उसे कुछ नहीं किया गया. सबको पता है कि आंदोलन को दूसरा स्वरूप किसने दिया, किसके लोग आंदोलन को बीएसएल से डायवर्ट कर आम लोगों के खिलाफ बाहरी-भीतरी का आग लगाया. लेकिन, ऐसे लोगों पर जिला प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की. बाहर से आये लोगों ने आंदोलन को भ्रमित किया. बिना नाम लेते हुए श्वेता सिंह ने कहा कि ऐसे लोग बीएसएल का दलाली करने आये थे, अपना उल्लू सीधा होते ही भाग गये. वैसे लोगों से पूछना चाहिए कि वो अब कहां हैं.
रामनवमी के बाद फिर से होगा आंदोलन
जब श्वेता सिंह से पूछा गया कि आंदोलन का क्या होगा? इसपर उन्होंने कहा कि आंदोलन तो होगा. रामनवमी बीतते ही लोगों के साथ बैठक होगी. बीएसएल के सभी गेट फिर से जाम किया जायेगा. हमारी मांग ठेका कर्मी बनने की नहीं है. हमारी मांग शहीद विस्थापित को न्याय दिलाने समेत तमाम विस्थापित भाइयों को न्याय दिलाने की है. इसमें कहीं से कोई भी कोताही नहीं की जायेगी. न्याय मिलने तक आंदोलन जारी रहेगा.
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