बोकारो, राजस्थान के माउंट आबू प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय से आये ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने चास मंडल कारागृह में बुधवार को बंद कैदियों को कर्म गति और व्यवहार शुद्धि विषय की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि यह कारागृह नहीं, बल्कि सुधारगृह है. इसमें आपको स्वयं में सुधार लाने के लिए रखा हुआ है, शिक्षा देने के लिए नहीं. इस कारागृह को संस्कार परिवर्तन का केंद्र बना लो, बुरी आदतों में परिवर्तन कर फिर समाज में जाना है.
बदला लेने के बजाय खुद को बदलो
इसमें एक-दूसरे से बदला लेने के बजाये स्वयं को बदलना है. उन्होंने कहा कि कारागृह के इस एकांत स्थान पर बैठकर स्वयं को परिवर्तन करने के लिए सोचो कि मैं इस संसार में क्यों आया हूं. मेरे जीवन का उद्देश्य क्या है. मुझे परमात्मा ने किस उद्देश्य से यहां भेजा है. ब्रह्माकुमारीज सबजोन, बोकारो की निदेशिका बीके कुसुम दीदी ने सभी कैदी बंधुओं को स्वस्थ, सुखी और अपराधमुक्त बनने कि शुभकामना दी. सभी बंदियों के बीच प्रसाद और आध्यात्मिक साहित्य का वितरण किया.
ये थे मौजूद
स्थानीय ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के वरिष्ठ राजयोग शिक्षिक बीके शैलेश भाई, जेल हॉस्पिटल स्टॉप ओमप्रकाश बैठा, जेल प्रभारी राजेश महता, जेल अधीक्षक अरुणाभ, जेलर पांडे निखिलकांत शर्मा ने भी विचार रखा. मौके पर जेल शिक्षक राजेश कुमार तिवारी, जामदार अशोक प्रसाद, बीके अलक आदि मौजूद थे.
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