पिंड्राजोरा, सब्जी की खेती कर रहे किसान इन दिनों बंदरों के आतंक से परेशान व चिंतित हैं. क्षेत्र के आमुरामू, लुटियाबाद, ओलगाड़ा, गोपालपुर, पोखन्ना, खिराबेड़ा, काशीझरिया, सोनाबाद, जाला, बहादुरपुर आदि गांवों के किसानों का कहना है कि बंदरों का झुंड एक साथ आकर सब्जी की खेती पूरी तरह बर्बाद कर देते हैं. इससे हमारी पूरे साल की मेहनत पर पानी फिर जा रहा है. लोग कई उपाय कर रहे हैं, लेकिन राहत नहीं मिल रही है. वही बाड़ियों में काम करने वाले पुरुष व महिलाओं में दहशत व्याप्त है.
भगाने पर कर देते हैं हमला
सब्जी उत्पादकों, किसानों के बाड़ियों व घरों के दीवारों, छतों पर सेम, लौकी समेत कई प्रकार की सब्जियां लगी हुई होती है. पौधे फूल-फलों से लदे है, इस पर बंदरों की हर वक्त नजर होती है. भगाने की कोशिश करते हैं, तो हमलोगों पर हमला करने के लिए झपट जाते हैं.
जंगलों की कटाई से आ रहे गांव की ओर
किसानों का कहना है कि पहले बंदर प्याज को नहीं खाते थे ना ही पौधे को बर्बाद नहीं करते थे, लेकिन अब खाते भी हैं व उसको भी बर्बाद कर देते हैं. वहीं ग्रामीण बुजुर्ग व जानकारों के अनुसार वर्तमान में बंदरों का आतंक व सब्जी सहित अन्य फसलों को बर्बाद करने का एकमात्र कारण जंगलों की कटाई तथा जंगलों में फल विहीन हो जाना है.
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