बोकारो, सभी सरकारी अस्पतालों में तीसरे दिन बुधवार को भी 350 आउटसोर्सिंग स्वास्थ्यकर्मी हड़ताल पर रहे. हड़ताल से चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गयी है. सबसे ज्यादा साइड इफेक्ट सदर अस्पताल व चास अनुमंडल अस्पताल में दिखाई पड़ा. सदर अस्पताल में 88 व चास अनुमंडल अस्पताल में 38 स्वास्थ्यकर्मी हड़ताल पर है. ऐसे में अस्पताल में मेडिकल वेस्ट के साथ-साथ बायोमेडिकल वेस्ट भी जमा होने लगी है. दुर्गंध के साथ-साथ बिखरे सिरिंज की नीडल से लोगों के घायल होने की आशंका है. वहीं इमरजेंसी में सेवा देने के लिए दूसरे दिन भी सीएस डॉ अभय भूषण प्रसाद, डीएस अरुण कुमार व पूर्व डीएस डॉ अरविंद कुमार तैनात रहे.
स्वास्थ्यकर्मी की जगह दिख रहे हैं केवल मरीज
सदर अस्पताल, चास अनुमंडल अस्पताल, चास पीएचसी अस्पतालों में स्वास्थ्यकर्मी कम, तो मरीजों की संख्या अधिक दिख रही थी. मरीजों के परिजन स्वास्थ्य सेवा के लिए भटकते रहें. स्वास्थ्यकर्मी के नाम पर इक्का-दुक्का स्थायी व अनुबंधित कर्मी थे. सपोर्ट के लिए नर्सिंग कॉलेज के प्रशिक्षु विद्यार्थी तैनात थे. जो स्वास्थ्य सेवा देने के लिए काफी नहीं थे. कई चिकित्सकों की ड्यूटी रोस्टर के अतिरिक्त लगाया गया है.
मांग रहे हैं बकाया मानदेय
हड़ताल पर बैठे स्वास्थ्यकर्मियों ने कहा कि तीन से छह माह का बकाया मानदेय मांग रहे हैं. ताकि घर के चूल्हे जल सके. बच्चों को भोजन मिले. स्कूल जाने में कोई परेशानी नहीं हो. लगातार उधार लेने के कारण अब कोई उधार नहीं दे रहा है. राशन दुकानवाले राशन देने से मना कर रहे है. ऐसी स्थिति में हड़ताल को विवश हैं. हड़ताल में सीपी सिंह, सागर राम, सरस्वती, विकास, मंजू, अनिल सिंह, सोनम, राज कुमार टुडू, छोटू, शंकर, रेखा, विकास, बबली, सोनल देवी, विजय ठाकुर, उमेश मिंज, विक्रम, लखीकांत, अश्वनी कुमार, गोवर्धन, मनीष सहित दर्जनों स्वास्थ्यकर्मी शामिल हैं.
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