बोकारो, बीएसएल अनाधिशासी कर्मचारी संघ (बीएकेएस) ने श्रम व रोजगार मंत्री डॉ मनसुख मांडविया को पत्र लिखकर पांच वर्षों से बंद श्रम पुरस्कारों को पुनः शुरू कराने की मांग की है. कहा है कि देश के कारखानों में काम करने वाले नियमित कामगारों की संख्या एक करोड़ 96 लाख पहुंच गयी है. कामगारों के उत्कृष्ट कार्यों को मान्यता देने व पुरस्कृत करने के लिए श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के माध्यम से विश्वकर्मा राष्ट्रीय पुरस्कार, प्रधान मंत्री श्रम पुरस्कार व राष्ट्रीय सुरक्षा पुरस्कार दिये जाते हैं.
वेबसाइट पर वर्ष-2020 के लिए अंतिम बार आवेदन मंगाने का सर्कुलर अपलोड
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की अनुषंगी इकाई कारखाना सलाह, सेवा व श्रम संस्थान द्वारा सबसे योग्य आवेदकों का चयन किया जाता है. पुरस्कार अंतिम बार 2023 में प्रदर्शन वर्ष 2018 के लिए दिये गये थे. कुल 69 पुरस्कारो में सेल के कर्मियों ने अकेले 31 पुरस्कार जीते थे. श्रम व रोजगार मंत्रालय की वेबसाइट पर प्रदर्शन वर्ष-2020 के लिए अंतिम बार आवेदन मंगाने का सर्कुलर अपलोड है. श्रमिक वर्ग के श्रेष्ठ कार्यों को सरकार द्वारा प्रमाणित करने का सबसे बढ़िया तरीका को स्थगित या बंद करना न्यायोचित नहीं है.
विभिन्न कारखानों में नियोजित एक करोड़ 96 लाख श्रमिक वर्ग के साथ भेदभाव : हरिओम
बीएकेएस के अध्यक्ष हरिओम ने मंगलवार को कहा कि पुरस्कारों का बंद होना विभिन्न कारखानों में नियोजित एक करोड़ 96 लाख श्रमिक वर्ग के साथ भेदभाव है. सेल कर्मियों ने कुल श्रम पुरस्कार का 20-25% हिस्सा जीता है, जो सेल कर्मियों के श्रम को प्रमाणित कर रहा है. मांग किया कि सभी लंबित वर्ष के लिए एक साथ प्रधानमंत्री श्रम पुरस्कार, विश्वकर्मा राष्ट्रीय पुरस्कार व राष्ट्रीय सुरक्षा पुरस्कार की घोषणा की जाये. प्रत्येक बीते वर्ष के लिए समय पर श्रम पुरस्कारो के लिए आवेदन मांग योग्य श्रमिकों का चयन हो.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

