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Bokaro News : बीएसएल : बोनस के 22 करोड़ रुपये से बाजार होगा गुलजार

Bokaro News : बीएसएल कर्मियों को 29,500 व प्रशिक्षु को 23,600 रुपये मिलेगा बोनस, सेल ने नोटिस किया जारी.

बोकारो, कलश स्थापना के साथ सोमवार को शारदीय नवरात्र शुरू हो गया. वहीं शाम होते-होते बोनस की राशि की घोषणा सेल प्रबंधन की ओर से कर दी गयी. बीएसएल में लगभग 7200 कर्मी व लगभग 150 प्रशिक्षु हैं. कर्मियों को 29,500 रुपये व प्रशिक्षुओं को 23,600 रुपये बोनस मिलेगा. इस तरह बोकारो के बाजार में बोनस का 22 करोड़ रुपये आयेंगे, जिससे बाजार गुलजार होगा.

2023 से सीधे कर्मियों के खाते में बोनस की राशि हो रही क्रेडिट

एनजेसीएस नेता मीडिया में आंदोलन व हड़ताल की बात करते हैं. प्रबंधन इस बीच एक राशि कामगारों के खाते में डाल देता है और फिर सर्वत्र शांति व्याप्त हो जाती है. 2023 में प्रबंधन ने 23,000 रुपये कर्मियों के खाते में डाल दिया था. 2024 में भी प्रबंधन ने 26,500 रुपये व इस बार भी उसने विधिवत नोटिस निकल कर 29,500 रुपये देने की घोषणा कर दी है. यूनियन नेता चुप्पी साधे है.

एनजेसीएस बैठकों में नहीं बन रही सहमति

वैसे प्रबंधन व मजदूर यूनियन के नेता इस राशि को एनुअल प्रॉफिट लिंक रिवॉर्ड योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 के तहत मिलने वाली राशि कहते है. लेकिन, बातचीत की भाषा में इसे आज भी बोनस हीं कहा जाता है. उल्लेखनीय है कि पिछले दो वर्षों में एनजेसीएस बैठकों में सहमति नहीं बनने के बावजूद प्रबंधन ने सीधे कर्मचारियों के खातों में बोनस की राशि डाल दी. लगातार तीसरे साल भी यही हुआ.

यूनियन नेताओं की विश्वसनीयता पर सवाल उठा रहे कर्मी

सेल प्रबंधन की ओर से सीधे कर्मियों के खाते में बोनस की राशि भेजने की नयी परंपरा ने यूनियन नेताओं की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिये. पिछले दो साल की तरह इस बार भी इसकी संभावना अधिक लग रही कि बोनस की राशि सीधे कर्मियों के खाते में चली जाये और हुआ भी. सोमवार को कर्मियों ने कहा कि अगर प्रबंधन एकतरफा फैसला ले सकता है, तो एनजेसीएस की मीटिंग का महत्व क्या है.

मजदूर संगठनों की नहीं सुन रहा सेल प्रबंधन

कर्मियों ने सोशल मीडिया पर भड़ास निकाली. कहा कि कुछ वर्षों से प्रबंधन मजदूर संगठनों की बिल्कुल नहीं सुन रहा है. दिखावा के लिए सेल प्रबंधन और मजदूर यूनियनों की संयुक्त समिति एनजेसीएस की बैठक होती है. बोनस पर इस कमेटी में बैठने वाले इंटक, एटक, सीटू, एचएमएस व बीएमएस आदि राष्ट्रीय मजदूर संगठनों के प्रतिनिधि प्रस्ताव में एक बड़ी राशि रखते है और प्रबंधन इंकार कर देता है.

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