बोकारो, बोकारो स्टील प्रबंधन के ट्रेड चेंज योजना को लेकर बीएसएल व बोकारो व्यवसायिक प्लॉट होल्डर वेलफेयर एसोसिएशन आमने-सामने आ गये हैं. एक ओर बीएसएल का कहना है कि किसी तरह के बहकावे में नहीं आये और निर्धारित समय के पहले ट्रेड चेंज करा लें, अन्यथा विलंब शुल्क भी देना पड़ेगा. इसको लेकर प्रबंधन की ओर से मंगलवार को विभिन्न अखबारों में ट्रेड चेंज से संबंधित सूचना प्रकाशित करायी गयी. इधर, ट्रेड चेंज मामले को बोकारो व्यवसायिक प्लॉट होल्डर वेलफेयर एसोसिएशन बुधवार को सामने आया. कहा कि प्रबंधन न्यायालय की शरण में जाने को विवश कर रहा है. सिटी सेंटर सेक्टर चार व सेक्टर मार्केट के प्लॉटधारियों ने ट्रेड चेंज का विरोध किया है. प्रबंधन ट्रेड चेंज के सवाल पर पॉलिसी उजागर करें. ट्रेड चेंज के नाम पर बोकारो स्टील प्लांट की मांग गलत है.
व्यवसाय का संचालन अधिक सुगम व पारदर्शी होगा
व्यापार संचालन को अधिक सहज, व्यवस्थित और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से बीएसएल की ओर से चेंज ऑफ ट्रेड की एक नयी नीति लागू की गयी है. बीएसएल सभी संबंधित प्लॉट धारकों एवं लाइसेंसधारी दुकानदारों से चेंज ऑफ ट्रेड नीति का पूरा लाभ उठाने और भ्रामक दुष्प्रचार से बचने की अपील करता है. इस नीति को सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है और इससे अंतत: व्यवसाय संचालन अधिक सुगम और पारदर्शी होगा. इस नीति के तहत बीएसएल की ओर से आवंटित वैसे व्यवसायिक प्लॉटधारक एवं लाइसेंसधारी दुकानदार, जिन्हें पूर्व में गैर-प्रतिबंधित के संचालन की अनुमति प्राप्त है, पर बीएसएल से बिना अनुमति प्राप्त किए ही अपने प्लॉट या लाइसेंस दुकान में प्रतिबंधित ट्रेड का संचालन कर रहे हैं, वे अपनी व्यापारिक प्रकृति को गैर-प्रतिबंधित से प्रतिबंधित में परिवर्तन करने का आवेदन बीएसएल को दे सकते हैं. कतिपय लोगों द्वारा चेंज ऑफ ट्रेड और पट्टा नवीनीकरण जैसे आवश्यक कार्यों के खिलाफ भ्रामक जानकारी देकर व्यवसायियों को गुमराह किया जा रहा है.
धन उगाही के लिए बनायी गयी है पॉलिसी : राजेंद्र
बोकारो व्यावसायिक प्लॉट होल्डर वेलफेयर एसोसिएशन की बैठक बुधवार को हुई. अध्यक्ष राजेंद्र विश्वकर्मा ने कहा कि ट्रेड चेंज के नाम पर सिटी सेंटर व सेक्टर मार्केट के भूखंडों का मूल्यांकन, प्रॉपर्टी का मूल्यांकन व उस पर लाखों रुपये की मांग का जो फार्मूला बीएसएल ने बनाकर प्लॉट होल्डरों को फरमान सुनाना शुरू किया है, उससे बोकारो में हड़कंप है. प्लॉटधारियों में दहशत व आक्रोश है. अपने प्रतिष्ठानों को कहीं और स्थानांतरित करने की योजना बनाने लगे हैं. बीएसएल एक बार फिर प्लॉटधारी को रांची उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के लिए बाध्य कर रहा है. बोकारो प्रबंधन द्वारा मनमाना तरीके से धन उगाही के लिए पॉलिसी बनायी गयी है. यह प्लॉटधारियों को न्याय से वंचित करने का कदम है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है