बोकारो, रांची क्रिटिकल सोसाइटी की ओर से रिम्स ट्रॉमा सेंटर में रविवार को ब्रोंकोस्कोपी पर वर्कशॉप का आयोजन किया गया. इसमें बोकारो के आइसीयू-सीसीयू इंचार्ज डॉ सौरव सांख्यान व यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ संजय कुमार शामिल हुए. वर्कशॉप से लौटने के बाद डॉ सौरव ने बताया कि ब्रोंकोस्कोपी का उपयोग श्वसन संबंधी विभिन्न समस्याओं का पता लगाने के लिए किया जाता है. साथ ही फेफड़ा का इलाज करने के लिए किया जाता है. जांच से समय पर अस्थमा, निमोनिया या फेफड़ों के कैंसर की जानकारी मिलती है. डॉ सौरव ने कहा कि ब्रोंकोस्कोपी एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें एक पतली, लचीली ट्यूब (ब्रोंकोस्कोपी) का उपयोग करके फेफड़ों व वायुमार्गों के अंदर देखते हैं. इस ट्यूब को नाक या मुंह से डाला जाता है. श्वासनली से होते हुए फेफड़ों तक पहुंचाया जाता है. इसके प्रयोग से वायुमार्गों में किसी भी समस्या का पता लगाया जा सकता है. साथ ही इलाज किया जा सकता है. वर्कशॉप में डॉ प्रदीप भट्टाचार्या, डॉ दिनेश अग्रवाल, डॉ मनोज कुमार, डॉ विशाल विनोद, डॉ श्यामल सरकार आदि मौजूद थे.
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