Jharkhand Tourism | गोमिया, नागेश्वर: बोकारो और हजारीबाग जिलों की सीमा पर स्थित कोनार डैम अब पर्यटन के क्षेत्र में राष्ट्रीय पहचान की ओर तेजी से बढ़ रहा है. डीवीसी (दामोदर वैली कॉरपोरेशन) ने कोनार डैम को एडवेंचर टूरिज्म और वॉटर स्पोर्ट्स का प्रमुख केंद्र बनाने की दिशा में ऐतिहासिक पहल की है, जो स्थानीय विकास, रोजगार और पर्यटन को नया आयाम देगा. साथ ही झारखंड का प्रमुख पर्यटन केंद्र भी बनेगा.
अक्टूबर से होगी परियोजना की शुरुआत
डीवीसी के चेयरमैन एस. सुरेश कुमार की पहल पर इस परियोजना को गति मिली है. परियोजना प्रभारी राणा रणजीत सिंह ने बताया कि टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और चयनित कंपनी ने क्षेत्र का सर्वेक्षण भी कर लिया है. अनुमान है कि अक्टूबर 2025 से कार्य की शुरुआत हो जायेगी. इस परियोजना में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, सांसद, विधायक और अन्य राज्यस्तरीय अधिकारियों का सहयोग विशेष रूप से उल्लेखनीय रहा है. यह संयुक्त प्रयास कोनार डैम को न सिर्फ पर्यटन मानचित्र पर लाएगा, बल्कि इसे झारखंड का प्रमुख पर्यटन केंद्र भी बनायेगा.
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कोनार डैम में होंगे ये प्रमुख एडवेंचर

- स्कूबा डाइविंग और प्रशिक्षण (पूर्वी भारत में पहली बार)
- पैरा सेलिंग, हाई-स्पीड बोटिंग, फ्लोटिंग वाटर पार्क
- वॉटर रोलर, रेस्क्यू बोट, बुल राइड
- किड्स ट्रैम्पोलिन, बंजी ट्रैम्पोलिन, रेस्टोरेंट्स व अन्य सुविधाएं
स्थानीय युवाओं को मिलेगा रोजगार
गोवा और दीघा से आए प्रशिक्षक स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण देंगे ताकि वे इन सुविधाओं का संचालन कर सकें. इससे न केवल क्षेत्रीय युवाओं को रोजगार मिलेगा, बल्कि झारखंड में रोजगार के लिए पलायन की समस्या से भी राहत मिलेगी. कोनार डैम को विकसित कर ऐसा बनाया जा रहा है कि पर्यटकों को गोवा और अंडमान-निकोबार जैसे अनुभव मिल सकें. अब झारखंड के लोग छुट्टियों के लिए बाहर जाने के बजाय यहीं रोमांच और सुकून का आनंद ले सकेंगे.
झारखंड के पर्यटन में ऐतिहासिक कदम
डीवीसी ने अपने प्रेजेंटेशन में बताया कि यह परियोजना झारखंड के पर्यटन इतिहास में एक ऐतिहासिक कदम साबित होगी. इससे न केवल क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी सकारात्मक बदलाव आयेगा.
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