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आवास कब्जा करने के मामले की जांच करने पहुंचे सीआइडी आइजी

बोकारो : को-ऑपरेटिव कॉलोनी के प्लॉट संख्या 229 निवासी भाई-बहन मंजूश्री घोष (56 वर्ष) व दीपक घोष (50 वर्ष) को बंधक बनाकर उनका मकान कब्जा करने के मामले की जांच करने सीआइडी आइजी रांची अरुण कुमार सिंह रविवार को बोकारो पहुंचे. मौके पर एसपी पी मुरुगन, सिटी डीएसपी ज्ञानरंजन व अन्य पुलिस पदाधिकारी मौजूद थे. […]

बोकारो : को-ऑपरेटिव कॉलोनी के प्लॉट संख्या 229 निवासी भाई-बहन मंजूश्री घोष (56 वर्ष) व दीपक घोष (50 वर्ष) को बंधक बनाकर उनका मकान कब्जा करने के मामले की जांच करने सीआइडी आइजी रांची अरुण कुमार सिंह रविवार को बोकारो पहुंचे. मौके पर एसपी पी मुरुगन, सिटी डीएसपी ज्ञानरंजन व अन्य पुलिस पदाधिकारी मौजूद थे.

आइजी ने इस मामले में प्लॉट के आसपास रहने वाले लोगो का बयान दर्ज किया. पूर्व में उक्त प्लॉट में संचालित नवज्योति आइ क्लिनिक के कुछ कर्मचारियों से भी आइजी ने पूछताछ की. आइजी ने लगभग एक घंटे तक आसपास के विभिन्न लोगों से पूछताछ कर उनका बयान नोट किया. जांच के संबंध में आइजी ने कुछ भी बताने से इन्कार कर दिया.
इस घटना की प्राथमिकी को-ऑपरेटिव कॉलोनी के प्लॉट संख्या 403 निवासी पूर्णेन्दु कुमार सिंह के आवेदन पर दर्ज की गयी है. मामले में को-ऑपरेटिव कॉलोनी के प्लॉट संख्या 229 में पूर्व में संचालित नव ज्योति आइ क्लीनिक के संचालक स्वर्गीय मंतोष गुप्ता की पत्नी, पुत्र व मंतोष के रिश्तेदार चर्चित नेत्र चिकित्सक डीके गुप्ता को अभियुक्त बनाया गया है.
सुप्रीम कोर्ट से लगी है पुलिसिया कार्रवाई पर रोक : बीएस सिटी थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर क्लिनिक के संचालक मंतोष की पत्नी और पुत्र को जेल भेज दिया था. डॉ डीके गुप्ता इस मामले में लगातार कई महीनों तक भूमिगत रहने के बाद हाइ कोर्ट से अग्रिम जमानत लेने के बाद ही शहर में उपस्थित हुए थे.
कुछ माह बाद एडीजे वन की अदालत से इस मामले में मंतोष गुप्ता की पत्नी और पुत्र को रिहा कर दिया गया है. फिलहाल इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने किसी प्रकार की पुलिसिया कार्रवाई पर रोक लगायी है.
18 अगस्त 2018 को हुआ था मामले का खुलासा : उल्लेखनीय है की यह मामला स्थानीय लोगों की तत्परता के कारण गत 18 अगस्त 2018 को प्रकाश में आया था. स्थानीय लोगों की सूचना पर पुलिस ने को-ऑपरेटिव कॉलोनी के प्लॉट संख्या 229 में छापेमारी कर उक्त मकान के मालिक बोकारो इस्पात संयंत्र के सेवानिवृत्त पदाधिकारी स्वर्गीय एसके घोष की पुत्री मंजूश्री घोष और मंजू के भाई दीपक घोष को मरणासन्न स्थिति में बरामद किया था. झारखंड के सीनियर आइपीएस पदाधिकारी अनिल पालटा ने इस मामले में संज्ञान लिया था.
सीआइडी कर रही है मामले की जांच : मंजूश्री घोष व आइपीएस पदाधिकारी अनिल पालटा दोनों की स्कूली शिक्षा बोकारो स्थित संत जेवियर स्कूल से हुई थी. इस कारण अनिल पालटा और ओल्ड जेवियर एसोसिएशन बोकारो से जुड़े पदाधिकारियों ने मामले में तत्परता दिखायी.
आइपीएस पदाधिकारी अनिल पालटा के प्रयास से ही इस मामले की जांच का जिम्मा सीआइडी को स्थानांतरित किया गया है. दोनों भाई-बहन को इलाज के लिए पहले बोकारो जनरल अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनकी स्थिति गंभीर पाते हुए ओल्ड जेवियर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने अपने खर्च पर भाई-बहन को बेहतर इलाज के लिए रांची स्थित वेदांता अस्पताल में भर्ती कराया था.
यहां इलाज के दौरान कुछ दिनों में ही दीपक घोष की मौत हो गयी थी. अभी भी मंजूश्री घोष का इलाज चल रहा है. अभियुक्त डॉ डीके गुप्ता व अन्य के प्रताड़ना के कारण मंजूश्री घोष की मानसिक स्थिति अभी तक पूरी तरह से ठीक नहीं हो पायी है.

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