बोकारो : स्टील, मेटल एंड इंजीनियरिंग वर्कर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएमइएफआइ) का 10 वां राष्ट्रीय तीन दिवसीय अधिवेशन सोमवार को सेक्टर दो कला केंद्र में चुनाव के साथ संपन्न हुआ. तीन वर्षीय नयी कमेटी में सर्वसम्मति से अध्यक्ष एसडी त्यागी, कार्यकारी अध्यक्ष राजेंद्र सिंह, महासचिव संजय वढ़ावकर, कोषाध्यक्ष सुधाकर अपराज का चयन किया गया. अधिवेशन में मजदूरों के अधिकार के लिए संघर्ष करने पर विस्तार से चर्चा की गयी.
अध्यक्ष श्री त्यागी ने कहा : बेरोजगारों की फौज बढ़ रही है. शोषण व उत्पीड़न बढ़ा है. सरकार देशी, विदेशी पूंजी पतियों के दबाव में नव उदारवादी नीतियों को तेजी से बढ़ाने का काम कर रही है. मजदूर, किसान व अन्य श्रमजीवी वर्ग पर हमला हुआ. श्रम कानूनों को कमजोर बनाने के लिए श्रम कानूनों में पूंजी पतियों के हितों में संशोधन किया गया. सरकार का 40 कामगारों से कम नियोजित करने वाले कारखाना मालिकों के श्रम कानूनों के दायरे से बाहर रखने का प्रस्ताव है.
मजदूर विरोधी नीतियों ने श्रमिकों के समक्ष सवाल खड़े किये : एसएमइएफआइ के राष्ट्रीय महासचिव संजय वढ़ावकर ने कहा : केंद्र व राज्य सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों ने श्रमिकों के समक्ष सवाल खड़े किये है. सरकार ने 44 श्रम संबंधित श्रम कानूनों को रद्द करके 4 लेबर कोड लाने की कोशिश की है. इसका विरोध हिंद मजदूर सभा व एसएमइएफआई ने किया है. वर्तमान में देश में कई उद्योग बंद है. यह सरकार के नोटबंदी का परिणाम है. सरकार अच्छे दिन, मेक इन इंडिया जैसे सपने दिखा रही है.
अधिवेशन को इन्होंने किया संबोधित : सभा को एसएमइएफआई उपाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद सिंघा, एसके सेट्टी, राजेंद्र सिंह आदि ने संबोधित किया. किम्स महामंत्री सह एनजेसीएस सदस्य राजेंद्र सिंह ने कहा : एसएमइएफआइ ने नयी जिम्मेदारी दी है, उसका निर्वहन पूरी निष्ठा के साथ करेंगे. मजदूर हित में संघर्ष करते रहेंगे. इस अवसर पर एचएमएस से संबद्घ क्रांतिकारी इस्पात मजदूर संघ के सक्रिय पदाधिकारी, कार्यकर्ता, महिला समिति के सदस्य के अलावा मजदूर उपस्थित थे.