सुप्रसिद्ध कथाकार प्रतिमा वर्मा की पुत्री और बीएसएल के अधिकारी अतनु सरकार की पत्नी थीं भावना वर्मा
बोकारो : इस्पात नगरी बोकारो की ख्याति प्राप्त साहित्यकार भावना वर्मा (50 वर्ष) नहीं रहीं. सोमवार की रात को सेक्टर 4 एफ स्थित आवास में उनका निधन हो गया. उनके निधन की खबर सुनते ही बोकारो के साहित्य जगत में शोक की लहर छा गयी. भावना वर्मा देश की सुप्रसिद्ध कथाकार प्रतिमा वर्मा की पुत्री और बीएसएल अधिकारी अतानु सरकार की पत्नी थीं.
लेखन के क्षेत्र में देश स्तर पर भावना वर्मा की ख्याति थी. कई पुरस्कार व सम्मान उन्हें मिले थे. उनकी कई उपन्यास, कविता संग्रह, कहानी संग्रह आदि प्रकाशित हुई हैं. ‘अप्रतिम प्रकाशन’ भी वह चलाती थीं और इस प्रकाशन से उन्होंने कई साहित्यकारों की पुस्तकें प्रकाशित कीं.
साहित्यकारों ने बताया-अपूरणीय क्षति : साहित्यकारों ने उनके निधन को बोकारो व झारखंड ही नहीं, अपितु पूरे साहित्य जगत के लिए अपूरणीय क्षति बताया है. कहा कि मृदुभाषी भावना वर्मा की कमी हमेशा खलेगी. वरिष्ठ साहित्यकार प्रह्लाद चंद्र दास ने कहा कि भावना जी कुशल साहित्य शिल्पी तो थीं ही, वह नेक दिल इंसान भी थीं. भावना वर्मा की अनन्य मित्र व कवयित्री उषा झा ने कहा कि लेखन में वह बहुत सक्रिय थी. साहित्य को अभी बहुत कुछ मिलना शेष था. राष्ट्रीय कवि संगम बोकारो महानगर इकाई अध्यक्ष अरुण पाठक ने कहा कि भावना वर्मा का अचानक चला जाना साहित्य जगत को मर्माहत कर गया. कवयित्री ज्योति वर्मा ने कहा कि उन्होंने साहित्यकार के साथ एक प्रिय मित्र काे खो दिया.
शोक में डूबे बोकारो के साहित्यकार : जनवादी लेखक संघ के कुमार सत्येंद्र, साहित्यलोक के संयोजक अमन कुमार झा, वरिष्ठ साहित्यकार सुखनंदन सिंह ‘सदय’, बुद्धिनाथ झा, ललन तिवारी, डॉ परमेश्वर भारती, राम नारायण उपाध्याय, तुला नंद मिश्र, गोपाल प्रसाद, प्रो पीएल वर्णवाल, ज्योतिर्मय डे राणा, कस्तूरी सिन्हा, अमीरी नाथ झा ‘अमर’, प्रदीप कुमार दीपक, ब्रजेश पांडेय, संजय कुमार झा, सतीश चंद्र झा, डॉ नरेंद्र कुमार राय, गिरिधारी गोस्वामी उर्फ आकाश खूंटी आदि ने भावना वर्मा के निधन पर शोक प्रकट किया.