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इंद्रधनुषी छटा के बीच संपन्न हुआ विद्यापति स्मृति पर्व समारोह
बोकारो : मिथिला सांस्कृतिक परिषद बोकारो की ओर से सेक्टर-4 स्थित मिथिला अकादमी पब्लिक स्कूल में आयोजित दो दिवसीय विद्यापति स्मृति पर्व समारोह बहुरंगी स्मृतियां छोड़ रविवार को संपन्न हो गया. कार्यक्रम के दूसरे दिन रविवार की शाम गीत-संगीत व नृत्य की मनोरम प्रस्तुतियों के साथ-साथ सामाजिक-जागरण का संदेश वाले नाटक का मंचन भी किया […]
बोकारो : मिथिला सांस्कृतिक परिषद बोकारो की ओर से सेक्टर-4 स्थित मिथिला अकादमी पब्लिक स्कूल में आयोजित दो दिवसीय विद्यापति स्मृति पर्व समारोह बहुरंगी स्मृतियां छोड़ रविवार को संपन्न हो गया. कार्यक्रम के दूसरे दिन रविवार की शाम गीत-संगीत व नृत्य की मनोरम प्रस्तुतियों के साथ-साथ सामाजिक-जागरण का संदेश वाले नाटक का मंचन भी किया गया.
कलाकारों ने इनके माध्यम से मिथिलांचल की बहुरंगी छटा बिखेरी. शुरुआत अक्षिता पाठक व प्राची प्रिया ने गोसाउनिक गीत जय-जय भैरवि… पर भाव नृत्य से हुई. मिथिला महिला समिति की सदस्यों ने समूह गान राम लखन सन पाहुन जिनकऱ़़…की सुमधुर प्रस्तुति की. इसके बाद अरुण पाठक, पूजा झा, प्रशंसा, शेफाली दुबे, रंजना राय आदि स्थानीय कलाकारों ने एक से बढ़कर एक सुमधुर गीतों की झड़ी लगाकर भरपूर तालियां बटोरी. सांस्कृतिक कार्यक्रम सत्र का संचालन शंभु झा ने किया.
‘इजोत’ से पारिवारिक व सामाजिक पीड़ा का जीवंत चित्रण
समारोह के दौरान प्रस्तुत अमन कुमार झा लिखित नाटक ‘इजोत’ के माध्यम से कलाकारों ने सामाजिक व पारिवारिक पीड़ा का जीवंत चित्रण किया. इसकी कहानी अत्याधुनिकता की होड़ में भागती नयी पीढ़ी व मां-बाप के प्रति सम्मान-भाव में कमी के ईद-गिर्द रही. समाज में अंतरजातीय विवाह व बेमेल विवाह के दुष्परिणाम… पढ़ाई व रोजगार के लिये बाहर गये बच्चे किस तरह मां-बाप के अरमानों के विपरीत विवाह कर लेते हैं और फिर कैसे इसके प्रति एक सकारात्मकता आती है… इन सबका मार्मिक चित्रण कलाकारों ने किया. नाटक की विभिन्न भूमिकाओं में सुनील मोहन ठाकुर, विवेकानंद झा, अमरजीत चौधरी, भृगुनंदन ठाकुर, कमलेश मिश्र, अंजली चौधरी, सुमन मिश्रा, शंभु झा, रमन कुमार ठाकुर, गंगेश कुमार पाठक, चन्द्रकांत मिश्र, रमन झा आदि रहे.
मिथिला की विद्वत्ता का कोई जोड़ नहीं : विधायक
दूसरे दिन के समारोह का उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि बोकारो विधायक बिरंची नारायण ने किया. कहा : मिथिला की विद्वता का कोई जोड़ नहीं है. मिथिला विद्वानों की भूमि रही है, जिनमें महाकवि विद्यापति का नाम सबसे शीर्ष पर है. सामाजिक, सांस्कृतिक, पारंपरिक, धार्मिक व साहित्यिक विकास में महाकवि का योगदान अविस्मरणीय है. विधायक ने सांस्कृतिक रक्षा की दिशा में परिषद के कार्यों की सराहना करते हुए बोकारो के मिथिला-मैथिली भाषियों द्वारा उन्हें मिले स्नेह को लेकर आभार ज्ञापित किया. विशिष्ट अतिथि बोकारो स्टील के इडी एसके सिंह ने भी मिथिला की पारंपरिक महत्ता पर प्रकाश डालते हुए सांस्कृतिक-संरक्षण का संदेश दिया. उद्घाटन सत्र का संचालन सुनील मोहन ठाकुर ने किया.
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