झारखंड के सात जिलों को मिली है सूची में जगह
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देश के टॉप 100 जिलों की सूची में बोकारो शामिल
झारखंड के सात जिलों को मिली है सूची में जगह बोकारो : केंद्र सरकार ने किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है. इस दिशा में नाबार्ड (राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक) बोकारो ने भी जिला के किसानों की आय दोगुनी करने के लिए खाका खींच लिया है. जिला में 88 […]
बोकारो : केंद्र सरकार ने किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है. इस दिशा में नाबार्ड (राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक) बोकारो ने भी जिला के किसानों की आय दोगुनी करने के लिए खाका खींच लिया है. जिला में 88 हजार किसानों को रैनवो रेवॉन्युशन के जरिये योजना का लाभ देने का लक्ष्य रखा गया है. इसमें किसानों को खेती के साथ-साथ पशुपालन, मछली पालन, दुग्ध उत्पादन, बागवानी, मछली, शहद उत्पादन से जोड़ा जायेगा.
पांच साल का खाका तैयार : नाबार्ड की ओर से वित्तीय वर्ष 2018-19 से 2022-23 तक नावाडीह और गोमिया प्रखंड के किसानों 200 यूनिट बकरा-बकरी दिया जायेगा. एक यूनिट में नौ बकरी और एक बकरा रहेगा. इसके लिए नाबार्ड ने 155 लाख का बजट बनाया है. जरीडीह व चंदनकियारी प्रखंड के किसानों को 375 यूनिट मुर्गा-मुर्गी मिलेगा. एक यूनिट में 100 रंगीन व 400 फार्म मुर्गा-मुर्गी रहेगा. इसके लिए 195.5 लाख रुपया का प्रोजेक्ट तैयार किया गया है. योजना का लाभ का छोटे किसानों को मिलेगा.
आधुनिक कृषि होगी आधार : कृषि काे आधुनिक बनाने के साथ-साथ बुनियादी सुविधाएं बहाल करने की दिशा में काम किया जायेगा. इसमें स्टोरेज से लेकर लैंड डेवलपमेंट का काम होगा. किसानों व सहयोगियों को 130 करोड़ रुपया का लोन दिया जायेगा. साथ ही 308 करोड़ का फसली ऋण किसानों को मिलेगा. सिंचाई व्यवस्था के लिए नाबार्ड की ओर से जिला में 12 चेक डैम बनाये गये है.
उन्नत बीज के लिए कृषि विज्ञान केंद्र से मदद : कृषि विज्ञान केंद्र के साथ मिल कर नाबार्ड उन्नत बीज तैयार करा रहा है. बीज ग्राम स्थापित हो रहा है. 2017-18 में 32 बीज ग्राम से पैडी (धान) का 25 हजार क्विंटल और 10 बीज ग्राम से 800 क्विंटल तिलहन-दलहन का बीज तैयार किया गया. 2018-19 में बीज ग्राम की संख्या में अनुमानत: 10 प्रतिशत इजाफा किया जायेगा. सभी प्रकार के उन्नत बीज के लिए 30843 लाख रुपया खर्च किया जायेगा.
इ-शक्ति में बोकारो राष्ट्रीय पटल पर : स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्वरोजगार स्थापना की दिशा में काम कर रहा है. मकसद पारंपरिक खेती के साथ-साथ अन्य काम करना है. जिला में 2551 एसएचजी हैं. एसएचजी के काम से प्रभावित होकर केंद्र सरकार की मुहिम इ-शक्ति में बोकारो जिला को विशेष स्थान प्राप्त हुआ है. बोकारो देश के टॉप 100 जिला में शामिल है. बोकारो के अलावा झारखंड का रामगढ़, हजारीबाग, रांची, गिरिडीह, चतरा व सरायकेला को भी सूची में जगह मिली है. इ-शक्ति से एसएचजी को डिजिटल तरीके से जोड़ा जायेगा. डीबीटी का लाभ मिलेगा.
सिंचाई के जल स्त्रोत को किया जायेगा मजबूत
नाबार्ड 2018-19 में सिंचाई व्यवस्था को मजबूत बनाने की दिशा में काम करेगा. पारंपरिक कुएं से लेकर आधुनिक स्प्रींकल की दिशा काम होगा. 153 कुआं बनाने में 117.11 लाख, 4.5 हॉर्स पावर के 408 पंप सेट के लिए 109.85 लाख, तीन हॉर्स पावर के 349 पंप सेट के लिए 74.21 लाख, 140 स्प्रींकल के लिए 101.87 लाख रुपया खर्च किया जायेगा. सिंचाई के वैक्लपिक स्रोत के लिए 669.58 लाख रुपया और कृषि मशीनरी के लिए 475 लाख रुपया खर्च करने का लक्ष्य रखा गया है.
किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में नाबार्ड महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. कृषि को रैनवो रेवॉल्युशन से जोड़ा जा रहा है. बुनियादी खेती के साथ-साथ कृषि के सहयोगी कार्य को मजबूती देने की दिशा में पहल होगी. कृषि को फायदेमंद बनाया जायेगा.
अजय साहू, डीडीएम, नाबार्ड, बोकारो
राष्ट्रीय कृषि पोर्टल से जुड़ कर कृषि उत्पाद की मिलेगी सही कीमत
कैसे कराएं निबंधन
कृषि उत्पादन बाजार समिति, बोकारो के पणन सचिव शिवजी तिवारी ने गुरुवार को बताया कि जिले के किसान अपनी फसल कृषि उत्पादन बाजार की मंडी में लाकर इसे आनलाइन पंजीकरण कराकर पूरा लाभ ले सकते हैं. पहले किसानों का धान लैंप्स से क्रय किया जाता रहा है. यह व्यवस्था उससे अलग है. धान सहित अन्य फसल की सही कीमत पाने के लिए जिले के ज्यादा से ज्यादा किसान राष्ट्रीय कृषि बाजार से जुड़े रहे है.
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