मयंक तिवारी,
धनबाद:
इसे जागरूकता की कमी कहें या विभागीय लापरवाही, झारखंड के करीब 80 फीसदी दिव्यांग व्यक्तियों के पास अभी तक दिव्यांगता प्रमाण पत्र यानी यूनिक डिसेबिलिटी आइडी (यूडीआइडी) कार्ड नहीं है. इसके चलते ये दिव्यांगजन राज्य सरकार और केंद्र सरकार द्वारा मिलने वाले फायदों से वंचित हैं. यूनिक डिसेबिलिटी आइडी पोर्टल के आंकड़े बताते हैं कि राज्य में 20.47 प्रतिशत दिव्यांगजन को ही यह कार्ड मिला है. पूरे राज्य में 26617 आवेदन लंबित हैं. आंकड़े बताते हैं कि राज्य में कार्ड बनाने में औसतन 131 दिन लग जाते हैं. बताते चलें कि जिलों में महीने में दो बार इसके लिए शिविर लगते हैं. बावजूद पिछले तीन महीनों में राज्य में केवल 4321 यूडीआइडी कार्ड ही जनरेट किये गये हैं. एक साल में 19712 कार्ड जनरेट हुए हैं.दिव्यांगजनों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराना हेमंत सोरेन सरकार की प्राथमिकता
राज्य में दिव्यांगजनों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराना और उन्हें आगे बढ़ाना हेमंत सोरेन सरकार की प्राथमिकता में शामिल है, पर लापरवाही के कारण इस काम में काफी सुस्ती है. हाल ही में स्पेशल चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन ने राज्य भर के दिव्यांगजनों के साथ रांची में राज्यस्तरीय संवाद आयोजित किया था. मुख्य अतिथि मंत्री हफीजुल हसन अंसारी ने दिव्यांगजनों के मामले को अपनी प्राथमिकता में बताया. पूर्व में हुई कैबिनेट की बैठक में भी उन्होंने मामले को उठाया था और उनकी पेंशन 2500 रुपये करने की बात रखी थी. जिन दिव्यांग व्यक्तियों को आवेदन के बाद भी प्रमाण पत्र नहीं मिल रहे हैं, उनके मन में सवाल है कि जब सरकारी दस्तावेजों में जगह ही नहीं मिल रही है, तो उन तक लाभ कैसे पहुंचेगा.
यूडीआइडी बनाने में पाकुड़ निचले पायदान पर
दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी करने के मामले में सबसे खराब हालत पाकुड़ का है. यहां कार्ड जारी होने में सबसे अधिक औसतन 341 दिन लग जाते हैं. पिछले तीन माह में यहां सिर्फ 91 कार्ड ही बने हैं. यही कारण है कि यहां 1223 आवेदन पेंडिंग हैं.
खूंटी जिले में तीन माह में केवल एक कार्ड बना, 83 पेंडिंग
बदहाली की लिस्ट में दूसरे नंबर पर खूंटी जिला है. यहां कार्ड जारी होने में औसत 267 दिन लग जाते हैं. पिछले तीन माह में खूंटी जिले में केवल एक ही यूडीआइडी कार्ड जनरेट हुआ. यहां पर 83 आवेदन पेंडिंग हैं.सबसे अच्छी स्थिति पूर्वी सिंहभूम की
यूडीआइडी कार्ड जनरेशन मामले में सबसे अच्छी स्थिति पूर्वी सिंहभूम की है. यहां कार्ड जारी होने में राज्यभर में सबसे कम 35 दिन ही लगते हैं. पिछले तीन माह में यहां 238 कार्ड जनरेट किये गये तथा 258 आवेदन पेंडिंग हैं.सबसे अधिक गिरिडीह में आवेदन लंबित, साहेबगंज में एक भी नहीं
आवेदन लंबित होने के मामले में गिरिडीह टॉप पर है. यहां 3450 आवेदन लंबित हैं. गिरिडीह में तीन माह में केवल 346 कार्ड ही जनरेट हुए. यहां कार्ड जारी होने में लगने वाले औसत दिन सरकारी आंकड़ों के अनुसार 171 है. इसके विपरीत साहेबगंज में एक भी आवेदन लंबित नहीं है. यहां पिछले तीन माह में 421 कार्ड जनरेट हुए. यहां कार्ड जनरेट होने में औसतन 36 दिन ही लगते हैं.आवेदन लंबित होने के मामले में रांची दूसरे और गढ़वा तीसरे नंबर पर
3367 लंबित आवेदनों के साथ रांची राज्य में दूसरे और 3240 लंबित आवेदनों के साथ गढ़वा तीसरे स्थान पर है. रांची में पिछले तीन महीने में 510 कार्ड जनरेट किये गये. यहां कार्ड बनने में औसतन 198 दिन लगते हैं. वहीं गढ़वा में पिछले तीन माह में 101 कार्ड जनरेट किये गये. यहां कार्ड बनने में औसतन 151 दिन लगते हैं.जिला-टोटल कार्ड-तीन माह में बने कार्ड-लंबित आवेदन-लगने वाला औसत दिन
बोकारो-13576, 138, 326, 71चतरा-1887, 85, 642, 177
देवघर-4059, 86, 560, 72धनबाद-7069, 124, 600, 155
दुमका- 8402, 154, 2292, 189पू. सिंहभूम-14577, 239, 258, 35
गढ़वा-9677, 101, 3240, 151गिरिडीह-10974, 346, 3450, 171
गोड्डा-15530, 98, 1417, 71गुमला-10716, 104, 227, 46
हजारीबाग-11365, 280, 1279, 144जामताड़ा-6669, 434, 3221, 118
खूंटी-1919, 1, 83, 267कोडरमा-5581, 89, 70, 36
लातेहार-3971, 66, 13, 113लोहरदगा-5875, 33, 173 115
पाकुड़-6464, 91, 1223, 341पलामू-10218, 408, 1950, 180
रामगढ़-10838, 304, 1827, 134रांची-15410, 510, 3367, 198
साहेबगंज-8588, 421, 0, 36सरायकेला-2504, 49, 184, 81
सिमडेगा-360, 115, 204, 53प. सिंहभूम-7647, 45, 11, 193
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