देवघर: झारखंड के गोड्डा जिले के महगामा व बसंतराय प्रखंड से पढ़ाई के नाम पर केरल के अनाथालय मुक्कम मुसलिम ओरफेनेज ले जाये गये 119 बच्चों को बुधवार को एर्नाकुलम एक्सप्रेस से जसीडीह स्टेशन लाया गया. इन सभी बच्चों की उम्र पांच से 12 वर्ष तक की है. इनमें 75 लड़कियां व 44 लड़के हैं. बच्चों के साथ झारखंड व केरल सरकार के अधिकारी समेत कई एनजीओ के प्रतिनिधि थे.
जसीडीह स्टेशन में देवघर के डीसी अमीत कुमार ने बच्चों को रिसीव किया. इसके बाद बच्चों को जसीडीह स्थित पंचायत प्रशिक्षण केंद्र में प्रशासन ने अपनी निगरानी में रखा है. गुरुवार को सभी बच्चों को गोड्डा भेज दिया जायेगा व बाल कल्याण समिति कानूनी प्रक्रिया पूरी कर बच्चों को परिजनों के हवाले कर देगी.
दो विशेष बोगी में आये बच्चे : केरल सरकार ने नौ लाख रुपये में अर्लाकुलम एक्सप्रेस के ट्रेन की दो थ्री टियर एसी बोगी रिजर्व की थी. ट्रेन में बच्चों के भोजन की भी व्यवस्था थी. इस मामले में केरल के पालाकाड़ जिले में स्थित मुक्कम मुसलिम अनाथालय पर केरल पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है.
आठ गिरफ्तार, एक गोड्डा का : केरल पुलिस ने आठ लोगों को गिरफ्तार किया है. इसमें गोड्डा का रहने वाला शकील नामक एक युवक है. शकील को केरल पुलिस ने जेल भेज दिया है.
कैसे बरामद हुए बच्चे : 20 मई 2014 को शकील गोड्डा से कुल 255 बच्चों को बस से लेकर कियूल स्टेशन पहुंचा और अर्नाकुलम एक्सप्रेस में बैठाया. इन सभी बच्चों का टिकट नहीं कटाया गया था. टिकट नहीं रहने के कारण 24 मई को केरल के पालाकाड़ स्टेशन पर इन बच्चों को रेलवे के अधिकारी ने पकड़ा. एक साथ इतनी संख्या में बच्चों को देख आरपीएफ ने केरल की बाल कल्याण समिति को सूचना दी. इसके बाद पालकाड़ जिले के डीएम व एसपी समेत केरल सरकार गंभीर हुई.
62 बच्चे पहले से पढ़ रहे थे मुक्कम अनाथालय में : इस दौरान 62 बच्चों की सर्टिफिकेट की जांच हुई तो यह बच्चे पहले से मुक्कम अनाथलय में पढ़ते पाये. इस कारण उन बच्चों को बाल कल्याण समिति पालाकड़ ने मुक्कम अनाथालय भेज दिया.
77 बच्चों के परिजन पहुंचे थे केरल : 77 बच्चों के परिजन गोड्डा से केरल पहुंच गये और उन्हें साथ लाया. शेष 119 बच्चों को टीम के साथ जसीडीह स्टेशन भेजा गया.
केरल हाइकोर्ट ने लिया संज्ञान : बच्चों को केरल के मुसलिम अनाथालय ले जाये जाने के पूरे प्रकरण में केरल हाइकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है. इस मामले में केरल हाइकोर्ट ने झारखंड सरकार के समाज कल्याण विभाग, रेलवे व केरल सरकार से जवाब मांगा है.