भंडरिया/बड़गड़ : नक्सलियों की कार्रवाई से आहत झारखंड जगुआर केजी 14 के जवान मंगलवार को पिछले तीन दिनों से चल रहे बूढ़ापहाड़ के जंगल से वापस लौट रहे थे़ बताया गया कि मंगलवार के अपराह्न करीब एक बजे पुलिस की माओवादियों के साथ मुठभेड़ हुई थी़ इसमें माओवादियों को काफी नुकसान हुआ था़ झारखंड जगुआर के जवान बूढ़ापहाड़ के बिजया टोला के पास माओवादियों को खदेड़कर वापस लौट रहे थे़ जब वे खपरी महुआ मवि के पास पहुंचे,
तो उन्होंने वहां चापानल से पानी पीया़ लगातार तीन दिनों तक ऑपरेशन में चलने के कारण हुई थकावट की वजह से जवान थोड़ी देर आराम के लिए रुके हुए थे़ इसके बाद करीब पांच बजे जब वे वापस आने के लिए चले, तो महज 500 मीटर आगे गये होंगे, इसी बीच अचानक 22 सीरियल बम ब्लास्ट हुआ़ घटना के समय सभी जवान पैदल ही जा रहे थे़ घटना की आवाज खपरी महुआ एवं पोलपोल गांव के लोगों ने सुनी थी़ इसके बाद आसपास के इलाकों में दहशत मच गया और जवानों में अफरातफरी मच गयी़
साथियों के मारे जाने से आक्रोशित थे जवान
भंडरिया. सीरियल बम ब्लास्ट में जवानों के शहीद होने की घटना से जवानों में काफी गुस्सा था़ उनमें अपने साथियों के मारे जाने के दुख के साथ बदले की भावना भी दिख रही थी़ यहां तक की उपस्थित अधिकारियों के चेहरे भी उड़े हुए थे़ इस घटना के बाद बुधवार को मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने जहां एक ओर मृतक एवं घायलों को सही जगह पर पहुंचाने की पहल की, वहीं इसका बदला लेने के लिए माओवादियों के खिलाफ गोपनीय रणनीति भी बनायी़
उन्होंने माओवादियों को तुरंत घेरने के लिए तैयारी की़ सारी बात पूरी तरह से गोपनीय रखी गयी़ गोपनीयता के दृष्टिकोण से किसी को भी अधिकारियों ने घटनास्थल के पास फटकने नहीं दिया़ घटना के बाद गढ़वा एवं लातेहार जिला की ओर से संयुक्त रूप से तुरंत अभियान शुरू किया गया़
अधिकारी से लेकर ग्रामीण तक कुछ कहने की स्थिति में नहीं थे
बड़गड़, भंडरिया : सीरियल बम ब्लास्ट की घटना और इसमें शहीद हुए जवानों की खबर आसपास के इलाकों में तेजी से फैल गयी थी़ घटना की जानकारी के बाद बुधवार की सुबह मौके पर पहुंचे ग्रामीणों में काफी दहशत थी. वे दबी जुबान में आपस में कुछ चर्चा कर रहे थे़ लेकिन जब उनसे मीडियाकर्मियों ने प्रतिक्रिया लेनी चाहिए, तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया़ इधर मौके पर उपस्थित गढ़वा एसपी शिवानी तिवारी, लातेहार एसपी प्रशांत आनंद एवं एएसपी सदन कुमार से इस संबंध में कुछ भी पूछे जाने पर उन्होंने कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार किया़ अधिकारियों ने कहा कि स्थिति आपके सामने है़
कैंप में मीडिया को भी प्रवेश नहीं मिला : घटना की जानकारी के बाद मौके पर समाचार संकलन के लिए गये पत्रकारों को भी कैंप में जाने से रोक दिया गया़ उन्हें शहीद जवानों के फोटो लेने से भी मना कर दिया
गया़
इधर ग्रामीणों को कैंप के बाहर ही गोपनीयता के दृष्टिकोण से हिरासत में ले लिया गया़ विदित हो कि चपिया मदगड़ी पुलिस पिकेट प्रखंड मुख्यालय भंडरिया से करीब 40 किलाेमीटर अंदर जंगल में दुर्गम स्थल पर स्थित है़ वहां किसी भी दूरसंचार कंपनी का नेटवर्क भी नहीं पकड़ता है़ इस कारण सूचना का आदान-प्रदान नहीं हो रहा था़