24.7 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

आदिवासी महिलाओं को आर्थिक व सामाजिक अधिकार नहीं, बजट में विशेष घोषणा भी नहीं होती, दिल्ली में वक्ताओं ने जतायी चिंता

Tribal Women Issues: दिल्ली में नेशनल कन्वेंशन ऑफ ट्राइबल वीमेन: लेट अस रेसिस्ट एंड रिक्लेम आवर राइट विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया. इसमें आदिवासी महिलाओं की समस्याओं पर चिंता जतायी गयी.

Tribal Women Issues: दिल्ली के कंस्टीट्यूशन क्लब में नेशनल कन्वेंशन ऑफ ट्राइबल वीमेन: लेट अस रेसिस्ट एंड रिक्लेम आवर राइट विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया. इसमें विभिन्न राज्यों से आये सामाजिक कार्यकर्ताओं ने आदिवासी महिलाओं से जुड़ी परेशानियों के विभिन्न पहलुओं पर विचार व्यक्त किया. इस दौरान सभी राजनीतिक दलों से आने वाले चुनाव में आदिवासी महिलाओं से जुड़े मुद्दों को घोषणापत्र में शामिल करने की मांग की गयी. वक्ताओं ने कहा कि आदिवासी महिलाओं के लिए बजट में कोई विशेष घोषणा नहीं की जाती है. आदिवासी महिलाओं को आर्थिक व सामाजिक अधिकार भी नहीं है. मौके पर वासवी किड़ो समेत अन्य मौजूद थीं.

आदिवासी महिलाओं के लिए विशेष घोषणा नहीं की जाती
महाराष्ट्र की सामाजिक कार्यकर्ता कुसुम ने कहा कि आदिवासी समाज के विकास के लिए बजट में प्रावधान होता है, लेकिन इसमें आदिवासी महिलाओं को लेकर कोई विशेष घोषणा नहीं होती है. हमारी मांग है कि आदिवासी महिलाओं के लिए बजट में विशेष प्रावधान होना चाहिए. मौजूदा समय में आदिवासी महिला सबसे निचले पायदान पर हैं.

झारखंड: हजार फीट ऊंचे पहाड़ पर है मानव का उत्पति स्थल सिरासीता नाला, पूजा करने आते हैं सात राज्यों के आदिवासी

आदिवासी महिलाओं को आर्थिक व सामाजिक अधिकार नहीं
हिमाचल प्रदेश की पूजा नेगी ने कहा कि आदिवासी महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक अधिकार हासिल नहीं है. वन अधिकार कानून की बात जरूरी है, लेकिन आदिवासी महिला आर्थिक तौर पर सशक्त नहीं बन पायी हैं. वे शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य बुनियादी सुविधाओं से दूर हैं. ऐसे में सभी को आदिवासी महिलाओं के सामाजिक सुरक्षा को लेकर प्रयास करना चाहिए.

भारत में आठ करोड़ आदिवासी
सेमिनार में वक्ताओं ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि विश्व के 90 देशों में 47 करोड़ से अधिक आदिवासी हैं. देश में इनकी संख्या लगभग 8 करोड़ है. इनमें से आधी संख्या महिलाओं की है. देश में आदिवासी महिलाओं के पास जमीन संसाधन की भारी कमी है. हिंसा, सामाजिक-आर्थिक स्थिति के कारण आदिवासी महिलाओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. मौजूदा समय में देश में आदिवासी महिलाएं कई तरह की समस्याओं का सामना कर रही हैं. जातीय हिंसा, अपहरण, विस्थापन और जंगल से जबरन बेदखली एक बड़ी समस्या है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें