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दिल्ली में ‘तीसरी आंख’ के सहारे अपराध पर नकेल कस रही पुलिस, लगाये गये हैं 1 लाख 40 हजार कैमरे

नयी दिल्ली : अरविंद केजरीवाल सरकार (Arvind Kejriwal Government) की ओर से दिल्ली में लगाये गये सीसीटीवी कैमरों (CCTV Camera) की मदद से पुलिस लगातार अपराधियों को पकड़ रही है. एक समय यह सीसीटीवी लगाने के मुद्दे पर विपक्षी दलों ने केजरीवाल सरकार पर जमकर हमला बोला था. वहीं, अब इन कैमरों की मदद से अपराध पर नकेल कसने में पुलिस (Delhi Police) को काफी मदद मिल रही है.

नयी दिल्ली : अरविंद केजरीवाल सरकार (Arvind Kejriwal Government) की ओर से दिल्ली में लगाये गये सीसीटीवी कैमरों (CCTV Camera) की मदद से पुलिस लगातार अपराधियों को पकड़ रही है. एक समय यह सीसीटीवी लगाने के मुद्दे पर विपक्षी दलों ने केजरीवाल सरकार पर जमकर हमला बोला था. वहीं, अब इन कैमरों की मदद से अपराध पर नकेल कसने में पुलिस (Delhi Police) को काफी मदद मिल रही है.

केजरीवाल सरकार की राजधानी में हजारों की संख्या में सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना पर खासा विवाद हुआ था. लेकिन देखा जाए तो यह योजना अब काम की साबित हो रही है. बुधवार 22 जुलाई को यमुनापार में एक छोटी बच्ची के अपहरण के प्रयास का मामला प्रकाश में आया था. बच्ची की मां अपराधियों से भिड़ गयी थी और बदमाशों को भागना पड़ा था. यह पूरा मामला वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया. बाद में पुलिस ने जब फुटेज खंगाले तो अपराधियों की पहचान कर ली गयी और उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया गया.

इसके ठीक दूसरे दिन गुरुवार को एक अन्य मामले में भी झपटमार चैन छीनते हुए कैमरे में कैद हो गये और इन्हें भी पुलिस ने धर दबोचा. कई पुराने मामलों को हल करने भी पुलिस इन कैमरों के फुटेज का सहारा ले रही है. पुलिस के सूत्रों के अनुसार कई पुराने मामले में भी सीसीटीवी फुटेज का सहारा लिया जा रहा है. दिल्ली पुलिस ने 29 सितंबर 2019 से अब तक 240 मामलों की सीसीटीवी फुटेज ले चुकी है. इनमें कई मामलों को सुलझाया भी जा चुका है. कई मामलों में अभी भी जांच चल रही है.

अपराध के साथ-साथ अभी कोरोना काल में भी पुलिस प्रशासन को सीसीटीवी कैमरों से मदद मिल रही है. हाल ही एक घटना में विदेश से आया एक शख्स कोरोनावायरस पॉजिटिव पाया गया. जब कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के लिए उससे पूछताछ की गयी तो वह किस-किस से मिला था, बता नहीं पा रहा था. ऐसे में पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पता लगाया कि वह कहां-कहां गया था.

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कोरोना संक्रमित पुलिस के पूछने पर कह रहा था कि वह घर में ही था, कहीं भी नहीं गया था. लेकिन जब पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाला तो पता चला कि वह शख्स अपने मुहल्ले में लोगों के साथ घुमता रहा था. दंगा फैलाने और उपद्रव मचाने वालों की पहचान में भी गली-मुहल्लों में लगे सीसीटीवी कैमरे काफी कारगर साबित हो रहे हैं.

आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय प्रवक्ता दिलीप पांडेय का कहना है कि अगर विरोधी पार्टियां अड़चन नहीं लगाती तो पूरी दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम काफी पहले ही पूरा हो जाता. दिल्ली सरकार अबतक 1 लाख 40 हजार सीसीटीवी कैमरे लगवा चुकी है. ये कैमरे महिलाओं की सुरक्षा से लेकर अन्य अपराधों पर लगाम लगाने में मददगार साबित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली में अभी एक लाख 40 हजार कैमरे और लगाने हैं. काम पूरा होने के बाद दिल्ली में 2 लाख 80 हजार सीसीटीवी कैमरें होंगे. उन्होंने कहा कि उच्च गुणवत्ता वाले ये कैमरे काफी साफ तस्वीर कैद करते हैं. इससे अपराधियों की पहचान करने में पुलिस को आसानी होती है.

Posted By: Amlesh Nandan Sinha.

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