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अरविंद केजरीवाल सरकार का बड़ा फैसला, दिल्ली जलबोर्ड में ठेके पर काम करने वाले कर्मचारी किए गए पक्का

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को कहा कि दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के 700 संविदा कर्मचारियों की नौकरी को स्थायी कर दिया गया है और इस फैसले की गूंज देश के अन्य हिस्सों में भी सुनाई देगी.

नई दिल्ली : दिल्ली जलबोर्ड में ठेके पर काम करने वाले कर्मचारियों के लिए एक खुशखबरी है. दिल्ली की अरविंद केजरीवाल की सरकार ने जलबोर्ड में ठेका पर काम करने वाले संविदा कर्मचारियों को पक्का करने का बड़ा फैसला किया है. सरकार के इस फैसले से दिल्ली जलबोर्ड में काम करने वाले करीब 700 से अधिक कर्मचारियों को फायदा होगा. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को कहा कि दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के 700 संविदा कर्मचारियों की नौकरी को स्थायी कर दिया गया है और इस फैसले की गूंज देश के अन्य हिस्सों में भी सुनाई देगी.

स्थायी बनाए गए डीजेबी कर्मियों को प्रमाण पत्र देने के लिए यहां आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान केजरीवाल ने कहा कि यह एक मिथक है कि ‘कच्चे’ (संविदा) कर्मी को ‘पक्का’ (स्थायी) नहीं बनाया जाना चाहिए, क्योंकि इससे वे आलसी हो जाते हैं और अधिक काम नहीं करते. लेकिन, 2015 में पहली बार हमारी सरकार बनने के बाद जब हम शिक्षा विभाग में क्रांति लेकर आए या जब हमने स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में सुधार किया, तो यह काम केवल सरकारी शिक्षकों, चिकित्सकों और नर्स ने ही किया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कदम ने इस मिथक को भी तोड़ दिया और अब सुरक्षा की भावना होने के कारण वे पहले से दोगुना काम करेंगे. उन्होंने कहा कि हमने डीजेबी में जो बड़ा फैसला किया है, उसकी गूंज देश को अन्य हिस्सों में भी सुनाई देगी और अन्य राज्यों के लोग भी सवाल करने लगेंगे कि यदि यह दिल्ली में किया जा सकता है, तो अन्य राज्यों में क्यों नहीं किया जा सकता.

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केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार अन्य विभागों में भी संविदा कर्मचारियों की नौकरी को स्थायी बनाना चाहती है, लेकिन केंद्र सरकार पर प्रशासनिक निर्भरता के कारण उसके पास ऐसा करने के लिए पर्याप्त शक्तियां नहीं है. उन्होंने कहा कि डीजेबी एक स्वायत्त संस्था है, इसलिए इसमें ऐसा करना संभव था.

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