दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने आज एक ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने कहा है कि जामा मस्जिद में महिलाओं की एंट्री रोकने का फैसला बिलकुल गलत है. अगर इबादत का अधिकार पुरुषों को है तो महिलाओं को भी यह अधिकार उतना ही है.
महिला विरोधी फैसला
स्वाति मालीवाल ने अपने ट्वीट में कहा है कि मैं जामा मस्जिद के इमाम को नोटिस जारी कर रही हूं. मस्जिद में महिलाओं की एंट्री बैन करने का अधिकार किसी को नहीं है. यह फैसला महिला विरोधी है. वह भी तब जब विश्व में महिलाएं अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रही हैं.
इमाम को स्वाति मालीवाल ने भेजा नोटिस
स्वाति मालीवाल ने यह नोटिस तब जारी किया जब दिल्ली के जामा मस्जिद ने महिलाओं के प्रवेश को रोक दिया. जानकारी के अनुसार जामा मस्जिद प्रबंधन ने यह आदेश जारी किया है जिसमें लड़कियों के समूह या अकेली लड़की को मस्जिद में प्रवेश से रोक दिया गया है. मस्जिद प्रबंधन का यह आदेश जामा मस्जिद के तीनों गेट पर लगाया गया है.
पर्यटकों पर भी प्रतिबंध
जामा मस्जिद प्रशासन ने पर्यटकों को भी सूचित कर दिया है कि मस्जिद के अंदर लड़कियों को प्रवेश की इजाजत नहीं है. सूचना में यह स्पष्ट तौर पर लिखा गया है कि लड़कियों और महिलाओं को अकेले जामा मस्जिद में प्रवेश की इजाजत नहीं है.
पति के साथ मिल सकता है प्रवेश
हालांकि मस्जिद प्रबंधन ने महिलाओं को अपने पति और परिवार के साथ मस्जिद में प्रवेश की अनुमति दी है. बावजूद इसके मस्जिद प्रशासन के निर्णय की आलोचना हो रही है. आम लोगों ने इसे कट्टरपंथी मानसिकता का फैसला बताया है. विश्व हिंदू परिषद की ओर से इस फैसले को गलत और महिला विरोध बताया गया है. साथ ही महिला एवं बाल विकास विभाग को इस संबंध में कार्रवाई करने की अपील की है.
अहले हदीस के मस्जिदों में महिलाओं को प्रवेश की इजाजत
दिल्ली के पत्रकार मोहम्मद शहजाद ने बताया कि जामा मस्जिद में महिलाओं को प्रवेश की इजाजत दी और वे वहां बकायदा नमाज भी अदा करती रही हैं. इसके अलावा वे टूरिज्म के इरादे से भी वहां आ- जा सकती थीं. हालांकि उन्हें पुरुषों की लाइन में खड़े होकर नमाज अदा करने की इजाजत नहीं थी लेकिन वे उनके पीछे दूसरी लाइन में खड़ी होकर नमाज अदा करती रही हैं. इस्लाम में अहले हदीस और बोरा समुदाय के मस्जिदों में महिलाओं को प्रवेश की अनुमति है और वे वहां जाकर नमाज अदा कर सकती हैं.
इन मंदिरों में भी महिलाओं के प्रवेश पर विवाद
इससे पहले भी देश में कई धार्मिक स्थलों में महिलाओं के प्रवेश को लेकर विवाद होते रहे हैं. शनि सिंगणापुर और केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं को प्रवेश दिलाने के लिए आंदोलन हुए और मामला कोर्ट तक भी पहुंचा था.