आखिर आग की लपटों पर कैसे पाएं काबू !
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मुश्किल. वैशाली जिला अग्निशमन सेवा केंद्र के पास नहीं है पर्याप्त साधन, कर्मियों व वाहनों की भी है कमी
आखिर आग की लपटों पर कैसे पाएं काबू ! जिले में आग का कहर जारी पल भर में सब कुछ हो रहा राख वाहनों से आधी संख्या में हैं चालक वैशाली जिले में आग का कहर लगातार जारी है. अचानक उठती आग की लपटों में देखते-ही-देखते सब कुछ स्वाहा हो जा रहा है. जिले में […]
जिले में आग का कहर जारी
पल भर में सब कुछ हो रहा राख
वाहनों से आधी संख्या में हैं चालक
वैशाली जिले में आग का कहर लगातार जारी है. अचानक उठती आग की लपटों में देखते-ही-देखते सब कुछ स्वाहा हो जा रहा है. जिले में हर साल अगलगी की घटनाओं में जान-माल का भारी नुकसान होता है. अगलगी की घटनाओं पर काबू पाने के लिए जिले में अग्निशमन सेवा केंद्र के पास न पर्याप्त मात्रा में वाहन हैं और न फायरमैन. ऐसे में आग लगने पर त्वरित कार्रवाई में मुश्किलें खड़ी होती हैं.
हाजीपुर : वैशाली जिले में अगलगी की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है. अचानक उठती आग की लपटों में देखते-ही-देखते सब कुछ स्वाहा हो जा रहा है. आग बुझाने की कोशिश में अग्निशमन सेवा के जवानों को हर दिन जूझना पड़ रहा है, लेकिन साधनहीनता के कारण आग पर काबू पाने की कोशिश सफल नहीं हो रही.
समय पर अग्निशामक वाहन के नहीं पहुंच पाने और विलंब होने का नतीजा है कि अग्निशमन की टीम को अक्सर राख से उठते धुंए को ही बुझा कर संतोष करना पड़ता है.
दमकलों के अभाव में आग पर काबू पाना मुश्किल : जिले में हर साल अगलगी की घटनाओं में जान-माल का भारी नुकसान होता है. अगलगी की घटनाओं पर काबू पाने के लिए जिले में अग्निशमन सेवा केंद्र के पास न पर्याप्त मात्रा में वाहन हैं और न फायरमैन. ऐसे में आग लगने पर त्वरित कार्रवाई में मुश्किलें खड़ी होती हैं.
जिले के आधे से अधिक थाना क्षेत्रों में छोटे अग्निशामक वाहन भी उपलब्ध नहीं हैं. जिले के 16 प्रखंड, 288 ग्राम पंचायत, एक नगर पर्षद और तीन नगर पंचायत क्षेत्रों की आबादी के लिए तीनों अनुमंडल में एक-एक अग्निशमन केंद्र है. इन केंद्रों पर न सिर्फ अग्निशामक वाहन, बल्कि स्टॉफ की भी कमी है. होम गार्ड के भरोसे किसी तरह काम चलाया जा रहा है. नगर के कौनहारा घाट स्थित जिला अग्निशमन सेवा केंद्र में कुल 4 अग्निशामक वाहन हैं. इनमें तीन बड़े और एक छोटा वाहन है. महुआ अनुमंडल और महनार अनुमंडल केंद्र में मात्र दो-दो वाहन हैं.
वाटर मिक्स्ड टेक्नोलॉजी वाहन भी नहीं हैं सभी थानों पर : अगलगी की स्थिति में फौरी तौर पर कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए जिले में थाना स्तर पर वाटर मिक्स्ड टेक्नोलॉजी अग्निशामक वाहन उपलब्ध कराये गये हैं. एक तो यह छोटा वाहन सभी थानों पर उपलब्ध नहीं है, जहां है, वहां के लिए भी यह कारगर साबित नहीं हो रहा. वाटर मिक्स्ड टेक्नोलॉजी अग्निशामक वाहन में मात्र तीन सौ लीटर पानी और 50 लीटर फोम मिला होता है.
अगलगी की स्थिति में इससे प्राथमिक कार्रवाई में कुछ सहायता मिलती है. खास कर तैलीय पदार्थ से लगने वाली आग को बुझाने में, लेकिन गांवों में जिस प्रचंड बेग से आग की लपट उठती है, उसमें इस वाहन से कोई विशेष लाभ नहीं मिल रहा है. जिले के वैशाली, लालगंज, भगवानपुर, बिदुपुर, जुड़ावनपुर, रुस्तमपुर, राघोपुर, पातेपुर और जंदाहा थाने पर इस तरह के एक-एक वाहन उपलब्ध कराये गये हैं. बाकी थानों पर यह भी नहीं है.
चालक के अभाव में खड़ा रहता है वाहन : जिले में आग पर नियंत्रण पाने के लिए एक तो अग्नि शामन वाहनों की कमी, लेकिन जो वाहन हैं, उनके लिए भी पर्याप्त चालक नहीं है. जिला अग्निशमन केंद्र, कौनहारा में चार दमकल हैं, लेकिन चालक मात्र एक. इन चार वाहनों में तीन बड़े वाहन 45 सौ लीटर पानी तथा एक छोटा वाहन 25 सौ लीटर पानी की क्षमता वाले हैं. दूर-दराज के इलाके में भीषण अगलगी की स्थिति में चालक के अभाव में ये वाहन घटनास्थल पर कैसे पहुंचेंगे, यह समझ सकते हैं.
हालांकि विकट स्थिति को देखते हुए हाल में प्रतिनियुक्ति के आधार पर एक चालक और उपलब्ध कराया गया है. इसी तरह जंदाहा थाना क्षेत्र का मिक्स्ड टेक्नोलॉजी वाहन चालक के अभाव में यूं ही खड़ा है. वैशाली थाने में भी वाहन पर चालक नहीं है. आवश्यकता पड़ने पर थाने के ड्राइवर ही अग्निशामक वाहन चला कर ले जाते हैं.
अन्य थाना क्षेत्रों में भी कमोबेश यही स्थिति है.
कार्यबल की कमी से आपात सेवा हो रही बाधित : जिले के अग्निशमन केंद्रों में फायरमैन एवं अन्य कर्मचारियों की कमी से यह आपातकालीन सेवा बाधित हो रही है. अग्निपीड़ित इलाकों में लोगों की शिकायत रहती है कि दमकलवाले तब पहुंचते हैं, जब सब कुछ जल कर खाक हो जा चुका होता है. इधर अग्निशमन विभाग के लोग कहते हैं कि सीमित संसाधन और मैनपावर की कमी के बावजूद त्वरित सेवा देने का हरसंभव प्रयास होता है.
अग्निशामक वाहनों की प्रत्येक यूनिट में एक प्रधान चालक, एक प्रधान अग्निक एवं चार फायरमैन समेत छह कर्मियों का होना अनिवार्य है. स्थिति यह है कि वाहनों से आधी संख्या में चालक हैं. फायरमैनों की कमी सभी जगहों पर है. महनार में महज एक विभागीय फायरमैन है.
क्या कहते हैं अधिकारी
जिले में मैन पावर की कमी दूर करने के लिए महानिदेशक सह महासमादेष्टा, गृह रक्षा वाहिनी एवं अग्निशमन सेवाएं, पीएन राय द्वारा प्रयास किया जा रहा है. उनके द्वारा यथा संभव सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं. जो कमियां हैं, वह भी शीघ्र ही दूर होंगी. अग्निकांडों पर काबू पाने के लिए हमारे जवान अथक प्रयास कर रहे हैं. इसमें स्थानीय लोगों का भी पूरा सहयोग मिल रहा है.
प्रेम चंद्र राम, जिला अग्निशमन प्रभारी पदाधिकारी
नोजलमैन के रूप में दो होमगार्ड हैं तैनात
लालगंज. राज्य सरकार ने अग्निकांडों पर नियंत्रण के लिए स्थानीय थाने में एक छोटा-सा अग्निशामक वाहन उपलब्ध कराया है. लेकिन इसके लिए अलग से कोई चालक नहीं है और थाने के अनुबंधकर्मी चालक ही दमकल भी चलाते हैं. यदि जिस समय आगलगी की सूचना मिली, उस समय यह चालक थाना की गाड़ी लेकर बाहर गया हुआ है,
तो उसके लौटने का इंतजार करना पड़ता है. यानी केवल एक चालक के अभाव में सरकार के इस दमकल का पूरा-पूरा लाभ क्षेत्र के लोगों को नहीं मिल पा रहा है.
दो होमगार्ड किये गये तैनात : सरकार ने भले ही वाहन खरीद कर थाने के हवाले कर दिया, लेकिन इसके लिए प्रशिक्षित कर्मियों की नियुक्ति नहीं की है. इस कारण इसका पूरा-पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है. तत्काल दो गृहरक्षकों को इस पर नोजल मैन के रूप में बगैर किसी प्रशिक्षण के तैनात किया गया है.
अगलगी की घटना से परेशान हैं लोग : प्रखंड में बढ़ रही अगलगी की घटनाओं से लोग भयाक्रांत हैं. हाल में जलालपुर गांव के दियारा इलाका, लालगंज बाजार में राज कुमार चौधरी के घर में लगी आग, घटारो में गेंहूं के खेत में, रीखर में कई घर जलने आदि घटनाओं से लोग भयाक्रांत हैं. छोटी घटनाओं के लिये तो थाना में उपलब्ध छोटा दमकल ठीक है, लेकिन बड़ी घटनाओं के समय यह केवल शोभा की वस्तु नजर आती है.
दो दमकलों से महुआ अनुमंडल की हो रही सुरक्षा : महुआ सदर. अनुमंडल क्षेत्र की छह प्रखंडों में होनेवाले अग्निकांडों पर काबू पाने के लिए केवल दो अग्निशामक वाहन उपलब्ध हैं. अनुमंडल कार्यालय के प्रांगण में स्थित अग्निशमन विभाग के कार्यालय में एक चार हजार और एक अाठ हजार लीटर क्षमता वाला अग्निशामक वाहन है, जो क्षेत्र की जनसंख्या और क्षेत्रफल के अनुपात में काफी कम है.
लोगों से सुननी पड़ती है गाली : अग्निशमन कार्यालय में उपस्थित कर्मी प्रधान चालक विनोद कुमार, प्रधान अग्नियक अनंत कुमार, गृहरक्षक देवलाल सिंह आदि ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही दो मिनट के अंदर यहां से वाहन घटनास्थल के लिए कुच कर जाती है और कुछ ही देर बाद वहां पहुंच जाती है.
सड़क जाम आदि के कारण वहां पहुंचने पर दल के सदस्यों के आक्रोश का कोपभाजन बनना पड़ता है और गाली-गलौज, तो कभी-कभी मारपीट तक पहुंच जाती है, लेकिन हम अपने कर्तव्यपालन में जुटे रहते हैं.
आवश्यकतानुरूप नहीं हैं वाहन : अनुमंडल के महुआ, गोरौल, पातेपुर, जंदाहा, राजापाकर एवं चेहराकला प्रखंडों के लिये यह व्यवस्था आवश्यकता के अनुरूप नहीं है. 5-6 हजार लीटर क्षमता वाले तीन वाहनों की और आवश्यकता है, जिससे घटना के बाद त्वरित कार्रवाई की जा सके. जंदाहा और पातेपुर में दो वाहन हैं, लेकिन उसकी क्षमता केवल 300 लीटर है, जो उपयुक्त नहीं है.
बरतें ये सावधानी
खलिहान को पानी के अन्य साधनों के निकट स्थापित करें
खलिहान से कम-से-कम 100 फुट की दूरी पर खाना बनाएं
खलिहानों में बीड़ी, सिगरेट, हुक्का आदि न पीएं, उसे पूरी तरह बुझा कर छोड़ें
खेत में फूस उस समय जलाएं, जब हवा नहीं चल रही हो
रसोई घर के छत को टीन या एस्बेस्टस शीट से बनवाएं
यदि फूस की बनी हो, तो उस पर मिट्टी का लेप चढाएं
जलते हुए स्टोव या लैंप में मिट्टी का तेल न भरें
खाना बनाते समय पहने हुए कपड़ों का उपयोग कर स्टोव से बरतन न उतारें
गैस का सिलिंडर सदैव खड़ा रखें और हर छह माह पर पाइप को बदलें
एक ही प्लग से एक साथ बिजली के कई उपकरणों का प्रयोग न करें
बिजली का स्विच बोर्ड निर्धारित ऊंचाई पर बच्चों की पहुंच से दूर बनाएं
आग लगने पर क्या करें :
शॉट सर्किट से आग लगने पर सबसे पहले उस भवन का मेन स्विच काट दें
अग्निशमन यंत्र का उपयोग आग बुझाने के लिए तत्काल करें
शॉट सर्किट से लगी आग को बुझाने के लिए कभी पानी का उपयोग न करें
बिजली के उपकरण को दस्ताना या सूखी लकड़ी से छुएं
गैस से आग लगने पर मकान के सभी दरवाजा और खिड़की खोल दें
आग लगने पर सबसे पहले स्थानीय थाना और फायर ब्रिगेड को सूचना दें
जलने पर प्राथमिक उपचार
जले स्थान पर ठंडे पानी से साफ करें, जितना ठंडा पानी, उतना फायदा
जले स्थान पर तत्काल किसी तेल या दवा का प्रयोग नहीं करें
सूती कपड़े को गरम पानी में उबाल कर जख्म को ढक दें.
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