33.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बरकतों, रहमतों व इबादत का मुकद्दस माह है रमजान

रमजान को लेकर बाजारों में फल, सेवई, टोपी आदि सामानों की दुकानें सज चुकी हैं

– रमजान शुरू : बाजारों में सजी फलों की दुकानें सुपौल. बरकत, रहमत और इबादत का मुकद्दस माह रमजान शुरू हो गया है. रविवार को रमजान का पहला दिन था. महिलाएं जहां सेहरी व इफ्तार की तैयारियों में जुटी थी, वहीं पुरुष जरूरी सामान लाने में जुटे थे. रमजान को लेकर बाजारों में फल, सेवई, टोपी आदि सामानों की दुकानें सज चुकी है. हालांकि इस साल फल व खजूर की कीमत बढ़ जाने के कारण लोग मायूस दिखे. रमजान में लोग सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक रोजा रखते हैं. रोजा शुरू करने से पहले सेहरी की जाती है और रोजा खोलने के लिए इफ्तार किया जाता है. रमजान में मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा रखकर अल्लाह की इबादत करते हैं. रमजान में पूरे महीने रोजे के लिए 30 दिन को 03 अशरों में बांटा गया है. पहले 10 दिन का रोजा रहमत, दूसरे 10 दिन का रोजा बरकत और आखिर 10 दिन का रोजा मगफिरत कहलाता है. खजूर व पानी से रोजा खोल सकते हैं रोजेदार मो जमालउद्दीन ने बताया कि पहला रोजा रविवार से शुरू हो गया है. कहा कि खजूर व पानी से कोई भी रोजेदार अपना रोजा खोल सकते हैं. रमजान माह के आते ही फल और खजूर का दाम बढ़ा दिया जाता है. ऐसे में इस व्यवसाय से जुड़े कारोबारियों को एक मुनासिब दाम रखना चाहिए. ताकि लोगों को आर्थिक परेशानी नहीं हो. नमाज के साथ रोजा रखना फर्ज है. गरीबों को मदद करना व भूखों को खिलाना तथा लोगों को कपड़ा देना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस महीने में दान करने से सबाव मिलता है. पाक दिल से मांगी तमाम दुआएं होती है कुबूल इस्लाम धर्म में रमजान का मुबारक महीना शाबान के महीने के बाद आता है. जिसका मुसलमान बड़ी बेसब्री से इंतजार करते हैं. इसमें कोई दो राय नहीं है कि इस्लाम धर्म में इस मुबारक महीने को बहुत ही पाक माना जाता है. इसलिए मुस्लिम पूरे महीने रोजे रखते हैं, पांच वक्त की नमाज अदा करते हैं. ज़कात देते हैं और अल्लाह की खूब इबादत करते हैं. मुस्लिम धर्मांलंबियों ने कहा कि इस मुबारक महीने में अल्लाह की इबादत करने का दोगुना सवाब मिलता है. मुस्लिम ग्रंथों के अनुसार कहा जाता है कि रमजान के महीने में अगर सच्चे और पाक दिल से दुआ मांगी जाती है, तो अल्लाह तमाम दुआएं कुबूल करता है. इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार रमजान एक महीने का नाम है, जो शाबान के महीने के बाद आता है. यह महीना नौवें नंबर पर आता है, लेकिन दिलचस्प बात यह है कि महीने की तारीख हर साल चांद के हिसाब से बदलती रहती है. रमजान में कुरान पढ़ने की अहमियत रमजान के पाक महीने में रोजा रखने और नमाज पढ़ने के साथ कुरान पढ़ने की भी काफी फजीलत बतायी गयी है. रमजान के महीने में ही 21वें रोजे के दिन पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब पर अल्लाह ने कुरान शरीफ नाजिल किया था. इसलिए इस महीने में कुरान पाक की ज्यादा तिलावत की जाती है. खजूर व फल से सजा बाजार रमजान को लेकर बाजार में हर चौक चौराहों पर फल की दुकानें सजने लगी है. फल दुकानों पर खजूर, सेब, सेवई, अंगूर आदि फल सजाकर रखे हुए हैं. हालांकि महंगाई के कारण लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. दुकानदार बताते हैं कि पिछले साल की अपेक्षा इस साल 20 से 25 प्रतिशत दाम बढ़ गया है. इस साल केला 40-60 रुपये दर्जन, सेब 120 से 200 रुपये किलो, अंगूर 100 से 120 रुपये किलो, अनार 140-260 रुपये किलो, खीरा 15 रुपये किलो, पपीता 50 रुपये किलो एवं खजूर 250 से 400 रुपये प्रति पैकेट मिल रहा है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें