सुपौल. मानसून काल में लंबे समय के बाद शहर में गुरुवार की दोपहर व शाम झमाझम बारिश हुई. इससे लोगों को उमस भरी गर्मी से ही राहत नहीं मिली, बल्कि किसानों के खरीफ फसल के लिए यह पानी संजीवनी साबित हुआ. बारिश नहीं होने से किसान के धान की फसलों में दरार आ गयी थी. नाले व गड्ढे में पर्याप्त पानी नहीं रहने से किसानों को पटसन गोड़ने में भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. बारिश होने से पटसन लगाने वाले किसानों को भी फायदा पहुंचा है. किसानों ने बताया कि मोटर से खेत में पानी देने पर उतना नमी नहीं आती है. जितना बारिश के एक अच्छार में खेतों में नमी आती है. कहा कि अब वे लोग धान की फसल में खाद डालेंगे. जो पीले पड़ रहे धान में हरियाली लेकर आयेगा. सड़क पर जमा हुआ पानी शहर के गली मुहल्ले में बारिश का पानी जमा हो गया है. जिससे लोगों को आवागमन करने में परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. वहीं ग्रामीण सड़क जहां सड़क पर गड्ढे बने हैं. वहां पानी जमा हो गया है. ऐसे में लोगों को पैदल व वाहन से परिचालन करने में परेशानी हो रही है. बारिश के बाद कोसी नदी के जल स्तर में भी वृद्धि हो सकती है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

