नवोदय विद्यालय. प्रबंधन की लापरवाही के कारण कई बार हो चुकी है घटना
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सीनियर व जूनियर के बीच मारपीट
नवोदय विद्यालय. प्रबंधन की लापरवाही के कारण कई बार हो चुकी है घटना जवाहर नवोदय विद्यालय के सीनियर व जूनियर छात्रों के बीच शुक्रवार को मारपीट हो गयी. पदाधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ. इससे पूर्व भी िवद्यालय में मारपीट हो चुकी है. सुपौल : जवाहर नवोदय विद्यालय के छात्रों ने शुक्रवार को […]
जवाहर नवोदय विद्यालय के सीनियर व जूनियर छात्रों के बीच शुक्रवार को मारपीट हो गयी. पदाधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ. इससे पूर्व भी िवद्यालय में मारपीट हो चुकी है.
सुपौल : जवाहर नवोदय विद्यालय के छात्रों ने शुक्रवार को एक बार फिर अनुशासनहीनता का परिचय दिया. सीनियर व जूनियर कक्षा के छात्रों के बीच हुई मारपीट के कारण कुछ देर के लिए विद्यालय परिसर रणक्षेत्र में तब्दील हो गया. इधर, विद्यालय प्रशासन मूकदर्शक बना रहा. इस कारण शनिवार को विद्यालय का शैक्षणिक कार्य ठप रहा. वहीं जिला पदाधिकारी बैद्यनाथ यादव, पुलिस अधीक्षक डॉ कुमार एकले, उप विकास आयुक्त अखिलेश कुमार झा, एसडीओ एनजी सिद्दीकी सहित जिले के तमाम आलाधिकारियों को इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा. पदाधिकारियों ने विद्यालय प्रशासन व छात्रों से वार्ता करने के बाद कक्षा नौ, 10 व 11वीं कक्षा के छात्रों को 25 दिसंबर तक के लिए छुट्टी दे दी.
वर्चस्व के कारण हो रही घटना:
मालूम हो कि विद्यालय प्रबंधन की लापरवाही के कारण अबतक छात्रों के बीच कई बार इस तरह की घटना घट चुकी है. कई छात्रों ने बताया कि मामले की शिकायत जब विद्यालय के प्राचार्य से की जाती है, तो वे कुछ नहीं कर मामले को दबा देते रहे हैं. इस कारण पूर्व में छात्रों के बीच हुई घटना का आक्रोश शुक्रवार को फूट पड़ा. साथ ही कक्षा सात, आठ व दसवीं कक्षाओं के छात्रों का एक गुट व नौवीं, 11वीं व 12वीं कक्षाओं का दूसरा गुट उभर कर सामने आया. छात्रों ने बताया कि पूर्व में सीनियर छात्रों के द्वारा दैनिक उपभोग की सामग्री के वितरण में बरती गयी लापरवाही के कारण मारपीट की घटना उत्पन्न हुई थी. सात दिसंबर को हुई मारपीट के बाद विद्यालय प्रबंधन द्वारा 13 छात्रों को दंडित करते हुए बीते 16 दिसंबर तक के लिए घर भेज दिया था, लेकिन छुट्टी के उपरांत जैसे ही छात्र विद्यालय पहुंचे कि छात्रावास में रह रहे छात्रों के बीच आक्रोश पुन: पनप गया. जो कहीं न कहीं विद्यालय प्रबंधन की लापरवाही को दर्शाता है.
रैगिंग को माना जा रहा एक मुख्य कारण: विद्यालय में रह रहे छात्रों ने बताया कि विद्यालय प्रबंधन की समुचित निगरानी नहीं रहने की वजह से सीनियर छात्रों द्वारा जूनियर छात्रों के साथ रैगिंग किया जाता रहा है. प्राचार्य एस नागदेवते की अनुपस्थिति में ही इस तरह की घटनाएं घटित हो रही है. प्राचार्य की अनुपस्थिति में देखरेख का जिम्मा उप प्राचार्य प्रेम नारायण शुक्ला को दिया जाता है, लेकिन दबंग प्रवृत्ति के छात्रों द्वारा उप प्राचार्य सहित शिक्षकों का सम्मान नहीं किया जाता है. इस कारण विद्यालय का शैक्षणिक माहौल बदतर बना हुआ है. उप प्राचार्य ने बताया कि दैनिक सामग्री का क्रय नौवीं कक्षा के छात्रों द्वारा करवाया जाता है. साथ ही उक्त सामग्री के वितरण का कार्य 10 कक्षा के छात्रों द्वारा कराया जाता है. पूर्व में दसवीं कक्षा के छात्र द्वारा सामग्री का वितरण किया जा रहा था. जहां एक नौवीं कक्षा के एक छात्र के देर से पहुंचने के कारण उन्हें सामग्री नहीं दिया गया. इस कारण छात्रों के बीच आक्रोश पनप गया.
कहते हैं पदाधिकारी
डीएम बैद्यनाथ यादव ने बताया कि विद्यालय प्रबंधन से मामले की जानकारी लिये हैं. समस्या के बाबत डीडीसी के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया गया है. विद्यालय के लिए एक अनुशासन कमेटी का भी गठन किया जायेगा. कमेटी द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर समुचित कार्रवाई की जायेगी. ताकि विद्यालय की व्यवस्था को दुरुस्त करायी जा सके.
13 छात्रों को दी गयी थी छुट्टी
उप प्राचार्य ने बताया कि पूर्व की घटना के मामले में प्राचार्य एस नागदेवते द्वारा दसवीं कक्षा के 13 छात्रों को दंडित कर घर भेज दिया गया. साथ ही इस अवधि में कतिपय कारणों से प्राचार्य द्वारा संबंधित अभिभावकों से दूरभाष पर संपर्क नहीं किया गया. प्राचार्य द्वारा एक कमेटी गठित की गयी, जहां कमेटी के रिपोर्ट के अनुरूप 13 छात्रों को दोषी मानते हुए संबंधित छात्रों को छात्रावास की सुविधा से वंचित किये जाने का आदेश जारी किया गया. छात्रों के छुट्टी की अवधि समाप्त होते ही सभी छात्र शुक्रवार की संध्या विद्यालय परिसर पहुंचे, जहां उप प्राचार्य ने मानवता के आधार पर उक्त छात्रों को शिवालिक सीनियर हाउस में रहने की अनुमति दे दी, लेकिन छात्रावास में रह रहे छात्र इस बात पर अड़ गये कि प्राचार्य द्वारा उन्हें अपने अभिभावकों के साथ परीक्षा में शामिल होना है. मामला तुल पकड़ता देख उप प्राचार्य ने सभी छात्रों को एकेडमिक भवन में रात गुजारने की अनुमति दी. प्राचार्य द्वारा दंडित हुए छात्रों में दसवीं कक्षा के छात्र कुमार गौरव, जयकांत कुमार, पुरुषोत्तम कुमार, मो सफी आलम, अमर कुमार, नंद किशोर, सुजीत कुमार, सुदर्शन सिंह सोनू, आनंद मोहन, नरेश कुमार, निशांत कुमार, रितेश कुमार शामिल हैं.
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